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फिस्टुला के घरेलू उपचार और 7 चौंकाने वाले तथ्य | भगंदर ठीक कैसे करें?

फिस्टुला के घरेलू उपचार और 7 चौंकाने वाले तथ्य (Home Remedies For Fistula 7 Shocking Facts About) के बारे में जानने से पहले यह भी जानना होगा की फिस्टुला क्या है? What Is Fistula In hindi तथा अपने आप को भगंदर (Bhagandar) से कैसे बचाए |

फिस्टुला को हिंदी में भगंदर नाम से भी लोग जानते है | भगंदर (Bhagandar) एक हालो या ट्यूबलर ओपनिंग या शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है | अधिकतर केस में एनस के आसपास खोखली जगह बनने लगता है जिससे मवाद निकलना शुरू हो जाता हैं | इन्फेक्शन या संक्रमण फैलने, सूजन या सर्जरी के कारण फिस्टुला (Fistula in hindi) होने की संभावना बढ़ जाती हैं | अगर आप घरेलु उपचार (Home Remedies) का सहारा लेते है तो भगंदर से कहीं हद तक आराम मिल सकता है |

Home Remedies For Fistula 7 Shocking Facts About Hindi
Home Remedies

दो अंगो के बिच नली के आकर होना फिस्टुला का ही रूप है | जड़ से भगंदर ठीक करने के लिए किसी अच्छे डॉक्टर से सर्जरी द्वारा भगंदर को ठीक किया जा सकता है पर जरुरी नहीं की ऑपरेशन से भगंदर पूरी तरह ठीक होगा | भगंदर और बवासीर दोनों एक साथ होने से रोगी को ये समझ में नहीं आता है की वे क्या करें? Fistula को घरेलु उपचार या होम्योपैथिक दवा से भी ठीक किया जा सकता है |

Home Remedies For Fistula 7 Shocking Facts About –

फिस्टुला के घरेलू उपचार और 7 चौंकाने वाले तथ्य

भगंदर एक फोड़ा से घाव का रूप लेकर गुदा द्वार पर होनेवाला जख्म (घाव) होता है | इस लेख में इससे संबंधित कारण, लक्षण और उपचार पढ़कर ठीक किया जा सकता है | (इसे भी पढ़ें जोड़ों में दर्द की दवा कारण, लक्षण और उपचार हिंदी में !)

भगंदर का कारण Cause of Bhagandar

फिस्टुला होने के अनेक कारण बताये गए है इनमें से किसी भी कारण से युवक/युवती को भगंदर होने की खतरा बना रहता है |

कब्ज के रोगी होने पर
अधिक मोटापा होने से
अधिक स्मोकिंग करने से
एचआईबी / एड्स
बवासीर या गुदा के पास अन्य सर्जरी कराने से
गुदा में चोट लगने से
डायबिटीज के रोगी होने के कारण
डायरिया से ग्रसित होने पर
आंत्र रोग सूजन (आईबीडी) से

 

फिस्टुला (Fistula) का लक्षण Symptoms Of Fistula

फिस्टुला में बनने वाले घाव में सूजन
भगंदर से बनने वाले घाव से मवाद निकलना
किसी – किसी केस में घाव बनने पर दर्द महसूस करना
बुखार आना
मल त्यागते समय दर्द होना
मल के साथ खून आना |
टहलने / चलने में दिक्कत महसूस करना
हप्तो या महीनो में बार-बार फोड़े होना |
रक्तस्त्राव होना
एनस के पास वाले छेड़ से द्रव निकलना |
थकान होना (पैर से कमर तक दर्द होना)
फोड़े से चिपचिपा पस निकलना
ज्यादा देर तक बैठने में दर्द महसूस करना

 

(इसे भी पढ़ें छोटी चेचक से छुटकारा (चिकन पॉक्स का इलाज) कारण और लक्षण हिंदी में !)

भगंदर होने से बचाव कैसे करें? Bhagander Se Bachaw Kaise Kare

अगर आपको भगंदर नहीं हुआ है तो आसन क्रियाकलापों द्वारा फिस्टुला होने से बचाव किया जा सकता है |

समय पर सौच करें: आज के भाग दौड़ में अधिकतर लोगो के पास कोई समय नहीं होता है ताकि वो हर दिन समय पर मल त्याग कर सकें |  कुछ लोग तो दो-तीन दिन तक बिना सौच किये समय निकाल देतें है जिसके उनके अन्दर का मल सुख जाता है |

मल सूखने से सौच करते समय गुदा से खून निकलने का चांस बढ़ जाता है जिसके कारण भी भगंदर होने की खतरा बढ़ जाती है इसीलिए हर दिन सौच जाने की कोशिश करें | (इसे भी पढ़ें मुंह में छाले ठीक करने के लिए 99% सही घरेलू नुस्खे !)

मल को अधिक देर तक रोकना: मल त्यागने से पहले शरीर में एक संकेत मिलता है जिसके बाद हमे लगता है की अब मल त्यागना चाहिए पर कुछ लोग मल को अधिक देर तक रोके रहते है | ऐसा करने से मल सुख जाता है जिसको बाद में त्यागने से एनस प्रभावित हो सकता है |

एक्सरसाइज करना: आजकल के भागदौड़ और ऑफिसियल कार्य में लोग व्यायाम करने से वंचित रह जाते है | अगर आप पाचन तंत्र और शरीर को फिट रखना चाहते है तो हर दिन व्यायाम करने की कोशिश करें |

फल और हरी सब्जियां: खाने में हरी सब्जियां और फल मिलता कितना मुस्किल है यह हर कोई जनता है पर शरीर में फाइबर / अन्य विटामिन और मिनरल्स प्राप्त करने के लिए हरी सब्जियां तथा फलों का सेवन करना चाहिए | (इसे भी पढ़ें सुबह खाली पेट पानी पीने के फायदे हिंदी में फुल जानकारी)

साफ-सफाई: मल त्याग करने के बाद साफ सफाई पर ध्यान देना चाहिए | मल निकालने वाला जगह को साफ और सुखा रखना जरुरी होता है | पानी से अच्छी तरह धोने के बाद पानी को रुई या सूती के कपडे से सुखाएं |

बहुत देर तक सौच पर न बैठे: बहुत लोगो को सौच करते वक्त अधिक समय तक बैठने की आदत होती है | ऐसा बिलकुल न करें | हम ये नहीं कह रहें है की मल त्यागे बिना सौच से निकल जाये . मल त्यागने के लिए 30 मिनट तक या अधिक समय तक बैठने से बचें |

जोर न लगाये: अक्सर देखा गया है लोग सौच करते समय अधिक जोर लगाकर मल त्याग करते है लेकिन उन्हें नहीं पता की अधिक जोर लगाने से खून निकलने या जख्म होने का खतरा बढ़ जाता है इसीलिए अधिक जोर न लगाएं | (इसे भी पढ़ें स्तन शोथ (Mastitis) क्या है ? मस्तिटिस के कारण लक्षण और चिकित्सा हिंदी में जानकारी |)

 

भगंदर का चिकित्सा

जैसा की आप जानते है घरेलु उपचार तो बहुत सारे है पर घरेलु सहायता से भगंदर में सिर्फ आराम मिल सकता है | अगर आप चाहते है कहीं हद तक फिस्टुला को ठीक करना तो इसके लिए मेडिसिन का प्रयोग करना होगा |

हम अपने experience के अनुसार होम्योपैथिक दवा का प्रयोग बता रहें है जिसको करने के बाद भकंदर ठीक किया जा सकता है | (इसे भी पढ़ें सर्दी-जुकाम के घरेलु उपचार)

Pilonett drops: इस ड्रॉप्स को आधा कप पानी में 20 बूंद डालने के बाद पिए |

Calcarea fluorica 200X: काल्कारा फ्लुओरिका 200 एक्स को गुनगुना पानी के साथ 4 – 4 टेबलेट तीन टाइम लेना है |

Paeonia qffinalis 1M : दो बूंद जिह्वा पर 7 दिनों पर लेना है |

Silicea 1M : पेओनिया क्फ्फिनालिस 1m (Paeonia qffinalis ) लेने के एक दिन बाद हर सप्ताह दो बूंद Silicea 1M drops को लेना है | (इसे भी पढ़ें योनि में खुजली क्यों होती है?)

परहेज करना सीखें |

वैसी पदार्थो को भोजन में शामिल न करें जिसके आपको अधिक परेशानी होता हो जैसे (कटहल, ओल, गैस बनने वाली सामग्री)

होम्योपैथिक दवा का सेवन करने पर कच्चा प्याज, लहसुन, तीखा सब्जियां, अधिक मशाला, खटाई, आचार इत्यादि |

सौच करने से पहले गुनगुना पानी पिने की कोशिश करें इसके मल फ्रेश निकलेगा और पेट की सफाई के साथ अनेक रोगों से मुक्ति मिल सकता है |

हर रोज गर्म पानी में बैठने की कोशिश करें | पानी उतना ही ग्राम करें जिसमें आपको बैठने पर परेशानी न झेलना पड़े |

रोज सुबह – शाम व्यायाम है जरुरी | जैसे टहलना, दौड़ना, कूदना | (इसे भी पढ़ें बालों को झड़ने से रोकने के लिए सरल तरीका !)

इस लेख में फिस्टुला के घरेलू उपचार और 7 चौंकाने वाले तथ्य (Home Remedies For Fistula 7 Shocking Facts About) के बारे में बताया गया है | अगर आप फिस्टुला से परेशान है तो होम्योपैथिक दवा का सेवन करके देखें | किसी भी दावा को इस्तेमाल करने से पहले नजदीकी डॉक्टर से सलाह लेना न भूले क्यूंकि यह हमारा experience है | हो सकता है आपका जख्म हमारे द्वारा बताये गए लेख से अलग हो | (इसे भी पढ़ें सीटेट प्रैक्टिस सेट )

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