Last updated on April 29th, 2019 at 12:23 pm
Deled course 510 Assignment 1 Question 2 With Answer – कोर्स 510 असाइनमेंट 1 के दुसरे प्रश्न का उत्तर |
इस पोस्ट में Deled course 510 Assignment 1 के दुसरे क्वेश्चन उत्तर लाया हूँ इसे आप असाइनमेंट कॉपी में लिख सकतें हैं |
Deled course 510 Assignment 1 Question 2 With Answer
Deled course 510 Assignment 1 के दुसरे प्रश्न के उत्तर |
Q. 2) निम्नलिखित दो शर्तों को एक वैज्ञानिक परिकल्पना को पूरा करना चाहिए |
यह प्रमाणों के अनुरूप होनी चाहिए |
यह परीक्षण योग्य होनी चाहिए |
उपयुक्त उदाहरणों सहित उपरोक्त दोनों शर्तों की व्याख्या कीजिए |
उत्तर :- दो शर्तों को व्यज्ञानिक परिकल्पना और उदाहरण सहित व्याख्या निम्नलिखित हैं |
यह प्रमाणों के अनुरूप होनी चाहिए :-
आप अपनी पहले की बनी समझ एवं मान्यताओं के आधार पर आंकड़ो या अवलोकनों को समझने का प्रयास करते हो | इस स्पस्तीकरण को परिकल्पना कहते हैं | यहाँ आप अपने ज्ञान और आवधारणा को परिस्थिति को समझने के लिए औजार बना कर प्रयोग करते हैं | परन्तु व्यज्ञानिक होने के लिए एक परिकल्पना को दो शर्तों पूरी करनी होती हैं | पहली शर्त यह है की यह प्रमाणों के अनुरूप होनी चाहिए |
उदाहरण के लिए आपने देखा की एक पुराने इमली की पेंड की लठ्ठे की मज्जा पानी में डूब जाती हैं | अपने अवलोकन और पूर्व ज्ञान के आधार पर आप परिकल्पना कर सकते हैं की इमली के लकड़ी का घनत्व से अधिक हैं | अगर इमली के लकड़ी के सरे तुकडे पानी में डुबोते हैं तो आपकी परिकल्पना प्रमाण के अनुरूप हैं | अगर लट्ठे का एक विशेष भाग पानी में डूबता है , एनी नही डूबता है तो परिकल्पना प्रमाण के अनुरूप नहीं हैं | इस परिकल्पना का परीक्षण करने के लिए आप अलग – अलग इमली के पेंड़ो के सामान सेज और सामान भार के लट्ठो के टुकडे लेकर पानी में डूबकर देखेंगे और आंकड़े एकत्रित करेंगे |
परिकल्पना के परीक्षण योग्य होने के लिए प्रमाण एकत्र करने की संभावना होनी चाहिए | इमली के लकड़ी में कोई अदृश्य और गुप्त बल है जो इसे डुबो देता हैं “ ऐसी परिकल्पना है जिसका परीक्षण नहीं हो सकता | इस परिकल्पना के परीक्षण के लिए आंकड़े एकत्रित करना संभव नहीं हैं |
किसी वास्तु का व्यवहार एक समय में कई चरो पर निर्भर करता हैं | मृदा की जल अभिग्रहण क्षमता का अध्यान करने के लिए उसका कानो के आकार , अधिशोषण क्षमता आदि का परीक्षण करना आवश्यक हैं | इन सभी चरो का परीक्षण करते हुए यह संभावना हैं की जिन परिकल्पनाओं के परीक्षण हेतु ये टेस्ट हुए थे | वे सभी सविक्रित हो गई | यदि कोई परिकल्पना स्वीकृत नही हुई तो संभव है आगे चलकर अधिक प्रमाणों के सामने आते ही यह अस्वीकृत हो जाये | यह ध्यान देने योग्य बात है की कोई मजबूत और विश्वसनीय प्रमाण आदि परिकल्पना से सहमत नहीं हैं |
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यह परीक्षण योग्य होनी चाहिए :-
परीक्षण योग्य परिकल्पना का निर्माण करना एक प्राकृतिक योग्यता नही है | इसे सीखना पड़ता हैं | पूरी संभावना है की आप तर्कहीन स्पस्टीकरण का सामना करें | और यदि कोई इसे सत्य सिद्ध करने के लिए प्रमाण एकत्र करने में आनाकानी करता हैं तो यह कूट विज्ञानं हैं |
चरण 1 :- परिकल्पना निर्माण के लिए घटना के गुणों की पहचान करनी पड़ती हैं जो स्पस्टीकरण के लिए प्रासंगिक हैं |
चरण 2 :- फिर इसे किसी प्रासंगिक विचार के साथ जोड़ने की आवश्यकता होती हैं | या दो के मध्य कारण – प्रभाव संबंध देने की मांग करनी चाहिए |
अपने सिमित अनुभवों के कारण छोटे बच्चे कई संभव स्पस्टीकरण देते हैं | सह्ज्कर्ता उन्हें यह समझने में सहायता करे |
अवलोकन या संबंध समझाने के लिए किसी विचार या अवधारणा का प्रयोग करने का अभ्यास
एक परिस्थिति में प्रयास किये विचार अवाधारनाओं को दूसरी परिस्थिति को समझने में प्रयोग
एक परिस्थिति को समझने के लिए कई स्पस्टीकरण सामने रखना
वह स्पस्टीकरण सामने रखना जो प्रमाणित किया जा सके
परीक्षण योग्य स्पस्टीकरण सुझाव बेशक वे उसे गलत समझे |