बिजली (विद्युत) तैयार कैसे होता है ? फुल जानकारी

Last updated on December 10th, 2020 at 03:34 pm

बिजली कैसे बनाई जाती है ? –Bijali Kaise Banai Jati Hai

बिजली कैसे बनती है? : बिजली उत्पन करना बहुत कठिन काम है लेकिन आज के समय में हर वक्त विजली (विद्युत) की आवश्यकता को देखते हुए विभिन्न प्रकार के तरीका अपनाये जाते हैं |

दुनियां में विद्युत का उपयोग प्रतिदिन बढ़ते जा रही है क्यूंकि लोग अधिक से अधिक बिजली का उपयोग अपने कार्यो में कर रहें है | लेकिन जबाब यह है की बिजली बनाई नहीं जाती है | हम इस तरह से समझतें है की बिजली एक प्रकार के उर्जा है जो प्रकृति में मौजूद है | उर्जा का न तो  बनाया जाता है और न ही ये नष्ट होतें है | इनको मात्र एक रूप से दुसरे रूप में परिवर्तन करते है |

Bijali Kaise Banai Jati Hai
Bijali Kaise Banai Jati Hai

बिजली कैसे बनाई जाती है ? – Bijali Kaise Banai Jati Hai

बिजली (Bijali) बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के तरीको का इस्तेमाल किया जाता है | विद्युत उत्पादन करने के लिए ए.सी जनरेटर अल्टरनेटरो का प्रयोग किया जाता है जिसके लिए प्राइम मूवर की आवश्यकता होती है जो विवरण निम्नलिखित है |

प्राइमरी साधन – Primary instrument

वह साधन जो प्रकृति द्वारा प्राप्त होतें है | जैसे – सूर्य, हवा, ज्वर भट्टा इत्यादि | इन सभी से उर्जा निकालना सरल है लेकिन यह निरंतर प्राप्त नहीं होतें है | इसीलिए इन्हें सिमित मात्रा में इस्तेमाल किया जाता है | आनेवाले समय में व्यापक रूप से प्रयोग किया जायेगा |

सेकेंडरी साधन – Secondary instrument

आज के समय में उर्जा प्राप्त करने के लिए व्यापक रूप से उपयोग किये जाने वाला साधन सेकेंडरी साधन है | जैसे – जल, कोयला, तेल और गैस | इन सभी साधनों को विभिन्न प्रकार के श्रेणियों में विभाजित करके उर्जा प्राप्त किया जाता है |

बिजली बनाये जाने का विभिन्न तरीका

हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्लांट – Hydroelectric Power Plant

हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्लांट बनाने के लिए अधिक मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है इसीलिए इस तरह के प्लांट लगाने के लिए ऊँचे जगह पर बरसात या वर्फ के पानी से बांध, भाखड़ा नंगल डैम, कोटा डैम बनाया जाता है | इस पानी का उपयोग ऊँचे स्थान से गिराकर टरबाइंन को घुमाया जाता है जिसके चलते अल्टीनेटर चलता है | इसके बाद अल्टीनेटर से विद्युत उत्पन होता है |

थर्मल इलेक्ट्रिक पावर प्लांट – Thermal Electric Power Plant

इस तरह के प्लांट लगाने के लिए अधिक से अधिक कोयले की जरुरत होती है | कोयले को जलाकर उच्च ताप पर पानी को गर्म किया जाता है | पानी से बने उच्च दाब से टरबाईन तेजी से घुमती है | जिससे विद्युत उत्पन होता है |

 

डीजल पावर प्लांट – Diesel Power Plant

डीजल पवार #प्लांट का उपयोग वहीँ किया जाता है जहाँ विद्युत की आवश्यकता कम पड़ती है अर्थात इस का उपयोग वहाँ पर होता है जहाँ प्रयाप्त पानी और कोयले मौजूद नहीं है | यह वैकल्पिक साधन है जिसका इस्तेमाल सिनेमा घर, शादी – विवाह, कार्यालय, जरुरत पड़ने पर किया जाता है |

न्यूक्लियर पावर प्लांट – Nuclear Power Plant

टरबाईन को घुमाने के लिए भाप की आवश्यकता होती है | तभी आप विद्युत उत्पन कर सकतें हैं | इसके लिए युरेनियम – 235 को इंधन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है हालाँकि युरेनियम को विखंडित करने के लिए एटॉमिक रिएक्टर का इस्तेमाल किया जाता है | इस प्लांट में एक किलोग्राम युरेनियम का इस्तेमाल करने से जितना उष्मीय उर्जा प्राप्त होती है उतना ही उर्जा प्राप्त करने के लिए 2700 क्विंटल कोयले से निकलने वाला उष्मीय उर्जा के सामान है |

जियो थर्मल पावर प्लांट – Jio Thermal Power Plant

धरती के अन्दर ऐसा पदार्थ है जो किसी भी वास्तु को पिघला देता है जिसको लावा कहते है | एक ऐसा स्थान है जिसके लिए धरती के अन्दर जाने पर गर्मी बढती जाती है | इसके लिए जमीन में कुएं खोदे जातें है | जमीन के अन्दर गर्म पानी से बने भाप को टरबाईन चलाने में इस्तेमाल किया जाता है जिससे विद्युत उत्पन होती है |

सौर उर्जा – Solar Energy

सौर उर्जा से विजली उस जगह पर उत्पन किया जाता है जिस जगह सूर्य की रोशनी अधिक मात्रा में पहुंचती है | सूर्य के किरणों को विद्युत में बदलने के लिए फोटोवोल्टिक सेलों का इस्तेमाल किया जाता है | इसके साथ एक बैटरी भी लगी होती है | जिसमें सोलर फोटोवोल्टिक सेल से उत्पन होनेवाला एनर्जी बैट्री में इकट्ठा किया जाता है |

पवन चक्की – Wind mill

पवन चक्की चलाने के लिए तेज हवा की आवश्यकता होती है | जहाँ पर हवा अधिक बहती है उस क्षेत्र में एक टावर पर पंखे को लगाया जाता है | टावर से एक जनरेटर जुड़ा होता है | जब पंखे तेजी से चलता है तो जनरेटर भी चलता है जिसके वजह से बिजली उत्पन होती है |

नैचुरल गैस पावर प्लांट – Natural Gas Power Plant

इस तरह के प्लांट में नेचुरल गैस की आवश्यकता होती है यह उसी प्रकार काम करता है जिस प्रकार थर्मल पॉवर प्लांट चलता है | इसमें नेचुरल गैस से पानी को गर्म किया जाता है जिसके बाद भाप बनता है | यह भाप टरबाईन को चलता है जिससे बिजली उत्पन्न होती है |

बायोमास से बिजली निर्माण – Biomass power generation

यह प्लांट थर्मल पॉवर और नेचुरल गैस पावर प्लांट की तरह काम करता है | इसमें कोयले और नेचुरल गैस की जगह बायोमास (खेती, पशुपालन, वन क्षेत्र से बायोमास) को जलाकर पानी को गर्म किया जाता है | गर्म पानी से उत्पन भाप से टरबाइनन चलता है | जिसके बाद विद्युत उत्पन होती है |

इस पोस्ट में बिजली कैसे बनती है ?(Bijali Kaise Banai Jati Hai) के बारे में विवरण लिखा गया है | इस तरह से अन्य छोटे – छोटे प्रयोग हैं जिसके माध्यम से विद्युत बनाने में उपयोग किया जाता है | विद्युत उत्पन्न करने से संबंधित सुझाव के लिए कमेंट कर सकते है |


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