Nios Deled course 503 assignment 3 question 1 with answer 1000 words :
भाषा कौशल के विकाश में ड्रामा , थिएटर एवं नाटक की भूमिका की चर्चा उचित उदाहरणों सहित कीजिए |
इस प्रश्न के उत्तर जानने के लिए पूरी पोस्ट पढ़िए |
पिछले पोस्ट व इस पोस्ट में हमने
Nios Deled course 503 assignment और कोर्स 501 , 502 , 503
तक के सभी question के उत्तर पब्लिश कर दिया है |
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इस पोस्ट में Nios Deled course 503 assignment 3 के प्रश्न का उत्तर 1000 शब्दों में दे रहा हूँ |
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⇒ Nios Deled course 503 assignment 3 question 1 with answer 1000 words
Nios Deled course 503 assignment
Q. 1 ) भाषा कौशल के विकाश में ड्रामा , थिएटर एवं नाटक
की भूमिका की चर्चा उचित उदाहरणों सहित कीजिए |
भाषा के कक्षकाश में साहित्य की विभिन्न विधाओ जैसे – कविता , कहानी , नाटक , एकांकी , जीवनी , समरण , उपन्यास निबंध रेखाचित्र का इस्तिमाल पाठ्य सामग्री के रूप में विभिन्न कौशलो के विकाश के लिए किया जा सकता है | नाटक में किसी महापुरुष के जीवन की घटनाओ का अनुकरण किया जाता है | जो कलाकार इन घटनाओ का अनुकरण कर हमारे सामने पेश करता है | अभिनेता कहलाता है | नाटक में मूलभाव अनुकरण या नक़ल होता है | नाटक का आनंद देखकर लिया जाता है | इसीलिए यह दृश्य काब्य कहलाता है | नाटक की वास्तविक सफलता मंच पर खेले जाने में है | जिन व्यक्तियों की कथा नाटक में होती है | वे आपस में या स्वयं से वार्तालाप करते है | और वार्तालाप का आधार होती है भाषा | थिएटर भी नाटक से मिलता जुलता रूप है | जिसे एक मंच पर अभिनीत किया जाता है | इसमे वार्तालाप का आधार भाव – भंगिमा या भाषा की होती है | इस भाषा कौशल की विकाश में ड्रामा , थिएटर , नाटक की महत्वपूर्ण भूमिका होता है | ड्रामा , नाटक , थिएटर की भूमिका की चर्चा इस प्रकार हो सकता है |
1. बच्चो में लेखन कौशल विकसित करना :- भाषा कौशल के विकाश में लेखन एक महत्वपूर्ण भूमिका है | कक्षकाश में बच्चो को नाटक लिखने के लिए बोलना चाहिए | ताकि बच्चे खुद से सोचकर या देखकर नाटक , ड्रामा को कॉपी में लिख सके | इससे बच्चे के लिखने के क्षमता बढ़ जायेगा | यही नही यह प्रक्रिया लगातार होगा तो बच्चे के लेखन में सुधार हो सकता है | यह ऐसा चीज है की बच्चा का भी इससे लगाव हो सकता है | और बच्चे नाटक या किसी भी तरह के थिएटर , ड्रामा के बारे में चर्चा करके लिख सकते है | और अपने लेखन में सुधार कर सकते है | जैसा की एक काम को करने से दो फायदा होता है | नाटक के साथ – साथ लिखने का भी ढंग ठीक हो जाता है |
2. मनोरंजन और स्वस्थ :- नाटक , ड्रामा करने या बच्चो से करवाने से हर प्रकार से विकसित हो सकते है | इससे बच्चो का मनोरंजन हो जायेगा | और जो बच्चे अस्वस्थ है | उनको मनोरंजन मिलने से स्वस्थ में सुधार आ सकता है | मनोरंजन करना , स्वस्थ होना , चंचल होना इस तरह का प्रोग्राम का ही देंन हो सकता है |
3. नैतिक शिक्षा का विकाश होना | :- बच्चो को नैतिक शिक्षा का होना अति आवश्यक है | यह तभी मिलेगा जब बच्चा एक दुसरे से बातचीत करेगा | वही बात हम इस नाटक के माध्यम से बताना चाहते है की जब बच्चे को ड्रामा , या नाटक खेलने के लिए दिया जाये तो वे आपस में जरुर बातचीत या नाटक में पात्र के प्रति बातो का उतार – चढ़ाव करेंगे | इससे बच्चो में नातिक शिक्षा का विकाश हो सकता है |
4. बोलने का अभ्यास :- जब बच्चे नाटक कला में भाग लेते है तो उन्हें समय – समय पर बोलने का मौका भी मिलता रहता है | इससे बोलने में जितने भी तुल्तुलाहत होती है | वह ख़त्म हो जाता है | और बच्चा कभी भी बिना दर के सबके सामने बोल सकता है | यानि की हम कह सकते है की नाटक , ड्रामा , थिएटर में कालकारो को बोलने से शुद्ध उच्चारण में विकाश होता है | इससे बच्चा किसी भी मच पर निडर होकर बोल सकता है |
5. सुनने और समझने के क्षमता में विकाश :- जब कभी नाटक लिखने के बाद कालकारो को दिया जाता है तो सबसे पहले ध्यान पूर्वक सुनने के लिए कहा जाता है | इससे बच्चे में सुनने और समझाने की क्षमता बढ़ जाता है | ड्रामा में क्या और किस प्रकार बोला जाता है | वे सुनने में ध्यान लगा देते है | इससे वे शुद्ध – शुद्ध उच्चारण को सुनकर समझ सकते है |
6. बोलकर पढने का विकाश :- विधार्थियों के बोलकर पढने के कौशल जाँच के दौरान शब्दों के उच्चारण , भाव के अनुसार शब्दों पर जोर देना , स्वर में उत्तार – चढ़ाव की भी जाँच साथ – साथ हो सकती है | इस परीक्षण के दौरान ख़ुशी या दुःख के अलग – अलग वाक्यों , सवांद के छोटे – बड़े टुकडे या नाटक का कोई हिस्सा या पाठ्य पुस्तक का कोई अंश बोल – बोलकर पढने के लिए दिए जा सकते है | कोई छात्र सही उच्चारंन नही कर पाए | या विस्मय प्रश्न बोधक हाव् भाव का प्रयोग न कर पाए | तो तुरंत टोकना नही चाहिए | इससे छात्र में दर और अरुचि के भाव उत्पन्न होंगे | यह आप पर ही निर्भर करता है की सकरात्मक प्रभाव लेन के लिए समय – समय पर छात्रो को सही उच्चारण बताया जाता है |
7. बच्चों में भाषा शैली का विकाश :- ड्रामा , नाटक , थिएटर से बच्चो में सभी विकाश के साथ – साथ भाषा शैली में विकाश हो सकता है | जिन बच्चे को भाषा अच्छी तरह से नही जानते है | उन्हें नाटक जैसे मंच पर बोलने से भाषा में सुधार होता है | जब कोई बच्चा को एकांत में रखा जाता है तो वह सही से किसी भी भाषा बोल नही सकता | इसीलिए आज के बच्चे के प्राथमिक पढाई के समय से ही ड्रामा जैसा मंच पर बोलने का मौका दिया जाना चाहिए | इससे बच्चे के भाषा शैली में विकाश होता है | यानि हम कह सकते है | बच्चे भाषा के सही उच्चारण बोल सकते है |
8. जीवन में लक्ष की प्राप्ति :- जब किसी बच्चे को या कालकारो को गध का पात्र बनाया जाता है तो वह कहानी के सही बातो को अपने जीवन को वेहतर बनाने में इस्तिमाल करता है | जितने भी कक्ष की ओर प्राप्ति होने का विकाश में नाटक का कहानी लिखा जाता है | वाल अपने दिल में बसा लेता है | इससे बच्चे को सभी कौशल के साथ लक्ष का भी प्राप्ति हो सकता है | इसीलिए बच्चे को ड्रामा , नाटक और थिएटर जैसे मंचो पर बोलने और करने का मौका मिलना चाहिए |
9. मौखिक परीक्षण में विकाश :- मौखिक परीक्षण औपचारिक के अलावा अनौपचारिक रूप से भी किया जा सकता है | मंच पर भी बच्चो से अलग – अलग विषय पर बातचीत करना , प्रश्न पूछना , समूह में चर्चा आयोजित करवाना | अभिनय करवाना इन गतिविधियों के द्वारा बच्चो के भाषाई कौशलो की जाँच की जा सकती है | औपचारिक रूप से आयोजित की जानेवाली गतिविधीया हो सकती है |
10. बच्चो मे आत्म विस्वास का विकाश होना :- नाटक ,ड्रामा , या थिएटर का पात्र बनाने से व्यक्ति में आत्म विस्वास हो जाता है | इससे वे कभी भी किसी के सामने बोलने या बात रखने घबराते नही है | उन्हें अपनी बात कहने में कोई हिचक नही होता है | वे अपनी बात बिना किसी घबराहट या हिचकिचाहट के दूसरो के सामने पूरी आत्म विस्वास के साथ रखते है | उन्हें खुद पर जीवन में आगे बढ़ने में मदद मिलता है |अत : उपयुक्त उदाहरण से हम समझाते है की बचे के जीवन में ड्रामा , थिएटर और नाटक एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है | इसीलिए समय समय पर बच्चो को नाटक जैसे मंच पर कलकारी करने देना चाहिए |
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Abhishek sir apko koti- koti dhanywad.
501’502’503 ka assignment ka answer chahiye
13 book hai to kitne q .Banane hai pieles
Good job….
But a few sentences and words are meaningless…
Please try to improve it
Assignment bnane ya exam ke liye kon sa book lege plz book name btaye
Hi Abhishek Ji,
Just one question, can we write the assignment on both side of paper or only one side of paper.
Plz rply on urgent basis.
Thanks…..
Thank you so much sir…..
Sir
Deled k 501
502
N
503
Ka guess question mil skta hai
Agr hai to plzzz mujhe de
Teeno courses k assignment ek hi me banane hain Ya teen teen kark alag alag
assiment 503 ka 5 question ka answer 1000 word
Gud evining sir..
Assingment kaha or kaise summit hoga…
Mai u.p se hu siddharthnagar plzzzz
Sir gud aftrnun
Centre malum ni ho rha..
Hmare city do centre h bt hm log ka kon sa kaise malum krenge
Assignment jma karne ki last date kb hai
Apna study centre apne block me karne ke liye kya kare pleasee bataye
Change ho sakta h abhishek g Co-ordinator Sir bataye hai or uske liye kya document chahiye for detail enquiries pls visit Email: [email protected] and ask any questions related nios de.ld mention with centre name