नवजात शिशु किसी का भी हो उसे समय के अनुसार देखभाल करना अनिवार्य होता है वरना अनेक समस्याओं के सामना सामने होगा |
जैसा की हम जानते है हमारे देश में अनेक बच्चे को देखभाल नही होने से कई समस्याओं से घिर जाते है |
महिलाएँ को चाहिए की बच्चे के जन्म लेने के तुरंत बाद मौसम के अनुसार देखरेख करें | अगर गर्भवती किसी तकलीफ में हो तो उसके बच्चे के देखभाल के लिए नर्स या दाई होना चाहिए |
बच्चे को योनी से बाहर आने के पश्चात् हैपोथार्मिया से बचाव करना चाहिए |
नवजात शिशु के देखभाल करने के लिए निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना चाहिए |
- कभी भी नवजात शिशु को माँ से दूर न रखें | शिशु को हमेशा माँ के निकट रहने देना चाहिए |
- जैसा की हम जानते है मौसम समय – समय पर बदलता रहता है | उस स्थिति में नवजात शिशु को चिकित्सीय रुई या गर्म कपडे में लपेट कर रखना चाहिए |
- अगर आपके आसपास के वातावरण में ठंड हो तो कमरे को उपयुक्त रूप से गर्म रखें |
शिशु को पहनने के लिए विशेष तरह से कपडे पर ध्यान दे | मौसम के अनुसार नरम सूती कपडे पहनना चाहिए | समय – समय पर कपड़ों को धुप में सुखाना चाहिए |
गर्भवती महिला को देखरेख कैसे करे
जन्म के तत्काल पश्चात् बच्चे को स्नान करना ठीक नही होता है अगर आप ऐसा करते है तो हैपोथार्मिया का खतरा उत्पन्न हो सकती है | शिशु को 12 से 24 घंटे के पश्चात् नहलाये तो ठीक है |
किसी बच्चे का भार कम रहता है उस स्थिति में नहाने के समय में अधिक अन्तराल रखना चाहिए | आँखों को नरम कपडे से साफ करना चाहिए |
टीकाकरण
नवजात शिशु को सबसे मुख्य काम टीकाकरण पर ध्यान देना चाहिए | अगर बच्चे का तबियत ख़राब हो जाये तो भी चिकित्सक से सलाह लेकर टीकाकरण कराये | बच्चे के साथ कोई भी काम सावधानी पूर्वक करना चहिये इस तरह से स्तन पान कराने पर भी बिशेष ध्यान देना चाहिए |