पुरुष नसबंदी और महिला नसबंदी के बीच अंतर

पुरुष नसबंदी और महिला नसबंदी के बिच अंतर जानना बहुत जरुरी है | कुछ पुरुष महिलाये की तुलना में नसबंदी करवाने में डरते है | उनके मन में कई प्रकार के सवाल उत्पन्न होती है |


जैसा की हम जानते है हमारे देश में अधिकतर महिला ही नसबंदी करवाकर सुरक्षित महसूस करती है लेकिन पुरुष को इससे कोई मतलब नही होता है | फिर भी कुछ पव्यक्ति समझदारी दिखाते हुए महिलाओं को गर्भवती हेने से बचने के लिए स्वयं का बंध्याकरण करवा लेते है |

कुछ पुरुष – महिला यही सोंचते है की ऑपरेशन होने के बाद परेशानी का सामना करना होता होगा लेकिन ऐसा नही है | दोनों का ऑपरेशन अपने जगह सही होता है तो आइये जानते है पुरुष नसबंदी और महिला नसबंदी के बिच अंतर

पुरुष नसबंदी और महिला नसबंदी के बिच अंतर क्या है ?

पुरुष नसबंदी के बारे में

यह उन पुरुषो के लिए परिवार नियोजन का स्थाई तरीका है | जो लोग अधिक बच्चे नही चाहते है |

शुक्राणु को पुरुष के लिंग तक पहुचने से रोकने के लिए पुरुषों में होनेवाली शुक्रवाहक नलिका को बांध (अवरुद्ध कर ) दिया जाता है | इस प्रक्रिया में शल्यक्रिया द्वारा बंध्याकरण होता है |

पुरुष नसबंदी और महिला नसबंदी के बिच अंतर

कुछ पुरुष बंध्याकरण से डरते है लेकिन डरने की कोई बात नही है | इसमे भी ऑपरेशन के बाद भी पुरुष सम्भोग कर सकता है | यहाँ तक की पहले के तरह वीर्य  भी निकलता है | उन्हें किसी भी प्रकार का अंतर नही दिखाई देगा |  

माँ के दूध और बोतल के दूध में अंतर

पुरुष नसबंदी और महिला नसबंदी के बिच अंतर

पुरुष नसबंदी से फायदा

पुरुषो में बंध्याकरण होने पर महिलाओं के तुलना में बहुत अच्चा है | इसे कराने के बाद अनेक परेशानी से बचा जा सकता है | इसमे टाके की जरुरत नही होती और न ही रक्त स्त्राव होता है | सरकारी अस्पताल से करवाने पर अस्पताल की और से कुछ पैसा भी मिलता है |

अगर पुरुष नसबंदी करा लेते है तो किसी भी परेशानी में नही पड़ सकते है | वे सुरक्षा की चिंता किये बिना यौन संबंध बना सकते है | इसमे महिला गर्भवती होने से बच जाती है | दुनियाँ में जनसँख्या तीब्र गति से बढ़ रही है जो पुरुष बच्चा नही चाहते है वे बंध्याकरण से जन्मदर कम कर सकते है |

पुरुष नसबंदी कैसे होती है ?

पुरुष में नसबंदी करने के लिए सबसे पहले अंडकोष के चारो और सफाई कर देनी चाहिए | उसके बाद शुक्राणु वाहिका ट्यूब को खोजने के बाद इंजेक्सन से सुन कर दिया जाता है | ताकि थोडा सा भी दर्द का अनुभव न हो |

पुरुषो में बंध्याकरण करने का दो विधियाँ है | इसमे दोनों में से किसी भी विधि से बंध्याकरण किया जा सकता है | इसके बाद शुक्राणु को पास होनेवाला नाली को बंद कर दिया जाता है | इस प्रक्रिया में 15 मिनट से 30 मिनट लग सकता है | इसके बाद स्पर्म बहार नही आता है | पुरुष नसबंदी और महिला नसबंदी के बीच अंतर

महिला नसबंदी कैसे होती है |

 महिला नसबंदी गर्भनिरोध का बहुत ही अच्छा तरीका है | इसमे महिला के उदर में छोटा छेद करना होता है | उसके बाद फैलोपियन ट्यूब को बांध दिया जाता है जिसके कारण शुक्राणु और अंडाणु का मिलना असंभव हो जाता है |

महिला नसबंदी का फायदा

महिलाये बंध्याकरण करवाने के बाद अत्यधिक सुरक्षित महसूस करती है | कहूँ तो वह गर्भवती होने से बच जाती है | पुरुषो की तरह जन्मदर कम करने का बहुत ही बढ़िया तरीका है | महिलाओं में मासिक स्त्राव तो आता है लेकिन वह गर्भवती नही होती | यौन क्रिया में कोई रुकावट जो महिला बार – बार गर्भवती हो जाती है और उन्हें कोई बच्चा के जरुरत नही है उन्हें बंध्याकरण करा लेना उचित होता है |

पुरुष नसबंदी और महिला नसबंदी के बिच अंतर

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