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रतिजन्य रोग (Sexually Transmitted Diseases) क्या है? कारण, बचाव और ट्रीटमेंट के बारे में जानकारी |

रतिजन्य रोग (Sexually Transmitted Diseases Hindi) क्या है? और सेक्सुअली ट्रांसमिटेड दिसासेस (STD) से संबंधित Full Form हिंदी में जानने के लिए पूरा लेख पढ़ें |

रतिजन्य रोग “यौन संक्रमित संक्रमण” द्वारा फैलने वाला बीमारियाँ हैं | जिसका पूरा नाम (Std Full Form In Hindi) सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज (Sexually Transmitted Diseases) है | यह रोग शोर्ट नाम एसटीडी (STD) से भी जाना जाता है | जब कोई पुरुष महिलाओं के साथ यौन संपर्क में आता है तो यह रोग अधिक फैलता है पर जरुरी नहीं की सभी पुरुषों में यह संक्रमण होती है | यह लेख आप वेबसाइट हिंदी डॉट कॉम पर पढ़ रहें है |

Sexually Transmitted Diseases Hindi
Sexually Transmitted Diseases Hindi

जब कोई पुरुष यौन संचारित रोग (रतिजन्य रोग) से पीड़ित होने के बाद महिला से संभोग करता है तो उसके टूयूब में संक्रमण हो जाते है जिसके फलस्वरूप महिलाये बच्चा पैदा करने में असमर्थ होती हैं |

रतिजन्य रोग (Sexually Transmitted Diseases) फैलने के कारण

 

सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज फैलने का मुख्य कारण गोनोरिया के जीवाणु द्वारा संक्रमण होना |

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सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज (एसटीडी) के लक्षण – Symptoms Of Sexually Transmitted Disease

बार-बार योनि स्त्राव होना , महिलाओं को पेशाब करते समय जलन, पेशाब करते समय दर्द महसूस करना, पुरुषो के लिंग से स्त्राव होना, महिलाओं के मासिक धर्म में अनियमितता जैसे लक्षण पाये जाते है |

यौन संक्रमित संक्रमण से होने वाले समस्याएं – Problems Caused By Sexually Transmitted Infections

जैसा की आप जान गए होंगे की यह रोग महिला और पुरुषों दोनों में फैलता है | जल्दी से रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्रों के पर नहीं जाते है और एचआईवी (HIV) संक्रमण का इलाज नहीं कराते है तो इसके साथ अन्य संक्रमणों (Sexually Transmitted Diseases List) का सामना करना पड़ सकता है |

यह बीमारी विभिन्न प्रकार के कैंसर का रूप दे सकती है, महिलाएं बाँझपन का शिकार होती है, अन्य बहुत सारे गुप्त रोग उत्पन्न होने की उम्मीद बढ़ता है, इस प्रकार समय पर इलाज नहीं होने पर रोगी की मत्यु भी हो सकती है |

एसटीडी रोग (STD) रोग से निदान – STD Diagnosis

जबतक यह परेशानी ठीक नहीं होते हैं तबतक महिलाओं को सेक्स संबंध से दूर रहना चाहिए | अगर महिला का योनि स्त्राव हो रही है तो माइक्रोस्कोपिक और कल्चर जांच करा सकती है |

जीवाणु क्लैमिडिया और गोनोरिया (Chlamydia And Gonorrhoea) को नियंत्रित करने के लिए एंटीबायोटिक दवाओं का प्रयोग एक सप्ताह तक किया जाता है | हो सके तो इंजे. प्रोकेन पेंसिलिन 1.2 मेगा लाख यूनिट का प्रयोग कर सकते है |

Conclusion

रतिजन्य रोग (Sexually Transmitted Diseases Hindi) एक घातक बीमारी हो सकती है जब समय पर इलाज होने में देरी होगा | कभी – कभी इसके लक्षण से लोग अनजान रहते है उन्हें सालों तक इसके बारे में कुछ पता नहीं चलता है | इस स्थिति में उन्हें सेक्सुअली ट्रांसमिटेड दिसासेस (STD) से छुटकारा पाने के लिए डॉक्टर का सहारा लेना चाहिए |


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