Last Updated on 8 months by Abhishek Kumar
सर्दियों में बच्चों को कैसे बनाये ताकतवर (Winter Foods for Kids): यदि आप बच्छे को सर्दियों में ताकतवर बनाने के बारे में सोंच रहें है तो इस पोस्ट को पढ़िए | क्यूंकि इस आर्टिकल में स्वास्थ्य से संबंधित जानकारियां शेयर किया गया है |
जैसा की आप जानते है हर घर में बच्चे होते है और बच्चों को सर्दियों से हर बार फैमली को बचाना पड़ता है | ऐसे में घरेलु उपायों को भी जानने के लिए आर्टिकल को अंत तक पढ़ें |
सर्दियों में बच्चों को कैसे बनाये ताकतवर
सर्दियों में बच्चे को ताकतवर बनाने के लिए उन्हें स्वस्थ और पौष्टिक आहार प्रदान करना बहुत महत्वपूर्ण है। यहां कुछ उपाय दिए गए हैं जो आपकी छोटी सी तुलना में शिशु को ताकतवर बनाने में मदद कर सकते हैं:
शिशु को सर्दियों में भी सिर्फ माँ का दूध पिलाएं। माँ का दूध पूरी तरह से पौष्टिक होता है और शिशु को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है। अगर किसी कारणवश दूध न पिला सकें, तो पेडिएट्रिशियन द्वारा सिफारिशित बेबी फ़ूड या ब्रेस्ट मिल्क का उपयोग करें।
जब शिशु 6 महीने का हो जाए, तो स्वयं के शिशु आहार का परिचय करें। फलों, सब्जियों, दालों, अनाजों और पूरे अनाजों को पेस्ट या सूप की तरह परोसकर दें। ध्यान रखें कि उन्हें संतुलित और पौष्टिक आहार मिले।
शिशु को सर्दियों में समय-समय पर स्नान देकर और साफ-सफाई रखकर संक्रमण से बचाएं।
सर्दियों में शिशु को गर्मी देने के लिए उन्हें ऊनी और मोती के कपड़ों में पहनाएं। भीगे हुए कपड़े से बचें, क्योंकि वे शिशु को ठंड लगने से बचा सकते हैं।
शिशु को सर्दियों में अनुमोदित टीकाकरण अनुसूची के अनुसार वैक्सीनेशन प्रदान करें। वैक्सीनेशन शिशु को संक्रमणों से बचाने में मदद करता है और उनके प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है।
शिशु को पर्याप्त निद्रा देना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। यह उनके संवेदनशील शरीर को विश्राम देता है और उनके विकास में मदद करता है।
यदि आपके बच्चे की सेहत से जुड़ी किसी भी चिंता हो या आपको कोई स्वास्थ्य संबंधी सवाल हो, तो आपको एक पेडिएट्रिशियन या चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।
बच्चो को सर्दी क्यों लगती है?
बच्चों को सर्दी लगने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। सर्दी एक सामान्य प्रकार का वायरल इन्फेक्शन होता है जिसका प्रमुख कारण रेस्पिरेट्री वायरस होते हैं, जिनमें रिनोवायरस, कोरोनावायरस, इंफ्लुएंजा वायरस, आदि शामिल होते हैं।
सर्दी का वायरस ट्रांसमिशन व्यक्ति से व्यक्ति होता है, ज्यादातर छींकने, खांसी, या संपर्क से होता है। बच्चे इन वायरसों के सामान्य आक्रमण के लिए संवेदनशील होते हैं, जिसके कारण उन्हें सर्दी आने की संभावना ज्यादा होती है।
अन्य कारणों में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं |
ठंडी जलवायु: सर्दी अधिकतर ठंडी जलवायु में होती है। सर्दी के मौसम में बच्चे कम गर्मी उत्पन्न कर पाते हैं जिससे वायरल संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली: छोटे बच्चे की प्रतिरक्षा प्रणाली अधूरी होती है, जिससे वायरल संक्रमण जल्दी फैलते हैं।
जल्दी बदलती मौसम: मौसम के जल्दी बदलने से बच्चों को सर्दी आ सकती है।
अन्य बच्चों या वयस्कों से संक्रमित होना: सर्दी वायरस आसानी से बच्चे के आस-पास के लोगों से हो सकते हैं।
शिशु की नाक के पास छोटे नाक के धमनियों का विकास: शिशु की नाक के पास छोटे नाक के धमनियां होती हैं जो सर्दी के कारण से बंद हो जाती हैं, जिससे संक्रमण हो सकता है।
बच्चों को सर्दियों से बचाने के लिए निम्नलिखित उपायों को अपनाने से उनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है |
हाथ धोएं और स्वच्छता बनाएं: अपने बच्चे को सदैव साफ़ रखें और उन्हें नियमित रूप से हाथ धोने का अभ्यास कराएं। अच्छे हाथों से हाथ धोने से उन्हें संक्रमणों से बचाया जा सकता है।
संतुलित आहार: अपने बच्चे को पौष्टिक आहार देने का पूरा ध्यान रखें। उन्हें फल, सब्जी, अनाज और दूध का उपयोग करने की सलाह दी जाती है। पोषक तत्वों से भरपूर आहार उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है।
बच्चों को वैक्सीनेशन: वैक्सीनेशन बच्चों को विभिन्न संक्रमणों से बचाता है। यदि वैक्सीनेशन की अनुसूची के अनुसार बच्चे को टीकाकरण कराया गया है, तो उनकी संरक्षा में मदद होती है।
ठंडी रहना: सर्दी के मौसम में बच्चों को ठंडी जगहों पर रखें और उन्हें गर्म कपड़े पहनाएं। ध्यान रखें कि वे ठंड में नहीं ठंडी जगहों पर सोते हैं।
संतुलित निद्रा: बच्चों को पर्याप्त निद्रा देना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। अच्छी निद्रा उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाती है।
ध्यान दें बच्चे की संवेदनशीलता पर: यदि बच्चे को सर्दी आ जाए, तो उनकी संवेदनशीलता का ध्यान रखें। उन्हें उससे पूर्व और बाद में उपचार दें।
डॉक्टर की सलाह: यदि आपका बच्चा सर्दी के लक्षण दिखा रहा है, तो उन्हें डॉक्टर के पास ले जाएं। डॉक्टर बेहतर जांच करेंगे और उपयुक्त उपचार प्रदान करेंगे।
सर्दियों में अपने बच्चे की सेहत को लेकर सतर्क रहें और उपरोक्त उपायों को अपनाने से उन्हें सर्दी और संक्रमण से बचाने में मदद मिलेगी।
बच्चों को सर्दी लगने पर कौन सा दवा दे ?
बच्चों को सर्दी से राहत पाने के लिए कुछ सामान्य दवाइयों में अन्तर्गत निम्नलिखित हो सकते हैं:
ये दवाएं रिनोवायरस और इंफ्लुएंजा वायरस के कारण होने वाले एलर्जी और सर्दी से राहत प्रदान करती हैं। लेकिन याद रखें कि इन्हें खुद से देने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना अनिवार्य है।
जिनमें रिनोवायरस और कोरोनावायरस जैसे वायरसों के खिलाफ काम करने वाली दवाएं शामिल होती हैं।
यदि शिशु को बुखार या दर्द हो तो, तब फेवर और पेन रिलीफ दवाएं उपयोगी हो सकती हैं, लेकिन डॉक्टर की सलाह पर लेना बेहतर होता है।
यदि बच्चे को खांसी है, तो खांसी राहत दवाएं उपयोगी हो सकती हैं।
फिर भी, आपको फार्मासिस्ट या चिकित्सा विशेषज्ञ से सलाह लेने के लिए परामर्श करना चाहिए, क्योंकि वे बच्चे की उम्र, स्वास्थ्य और सर्दी के लक्षणों के आधार पर सटीक दवा का चयन करेंगे। इससे बच्चे को अच्छा लाभ मिलेगा और संभावित साइड इफेक्ट्स का भी सम्भावना कम होगी।
बच्चों की सर्दी होमियोपैथिक दवा
होमियोपैथिक चिकित्सा एक प्रकार की प्राकृतिक चिकित्सा है जिसमें विभिन्न प्रकार के पौधों, वनस्पतियों, खनिजों, और जंतुओं के उत्तेजक और अवशोषक तत्वों का उपयोग किया जाता है। होमियोपैथी में उपयोग होने वाली दवाएं व्यक्ति के लक्षणों और स्वाभाविक प्रतिक्रियाओं के आधार पर चुनी जाती हैं।
बच्चों की सर्दी के लिए भी कुछ होमियोपैथिक दवाएं उपलब्ध हैं, जो उन्हें सर्दी से राहत दिलाने में मदद कर सकती हैं। हालांकि, सही दवा के लिए सही लक्षणों को पहचानने के लिए एक विशेषज्ञ होमियोपैथिक चिकित्सक से परामर्श करना ज्यादा उपयुक्त होगा।
यहां कुछ सामान्य बच्चों की सर्दी के लिए होमियोपैथिक दवाएं दी जा रही हैं, लेकिन इन्हें बिना चिकित्सकीय परामर्श के न देना:
- आलियुम सैटिवम 30: यह दवा सर्दी, जुकाम, एलर्जी और नाक बंद होने पर उपयोगी हो सकती है।
- बेलादोना 30: यह दवा बुखार, गर्मियों में खांसी और ठंडी आदि में राहत प्रदान करने में मदद कर सकती है।
- आर्सेनिक एल्बम 30: यह दवा जुकाम और बहती नाक के लक्षणों को कम कर सकती है।
- चमोमिला 30: यह दवा बच्चों की छाती में बलगम और खांसी को दूर करने में सहायक हो सकती है।
फिर भी, बच्चे को सर्दी से राहत पाने के लिए होमियोपैथिक दवा देने से पहले एक विशेषज्ञ होमियोपैथिक चिकित्सक की सलाह लेना जरूरी है।
सर्दी भगाने के घरेलु उपाय
सर्दी भगाने के लिए कुछ सरल और प्रभावी घरेलू उपाय निम्नलिखित हैं |
गरम पानी में एक छोटी चम्मच नमक मिलाकर गरारे करने से नाक बंदी और खांसी की समस्या में राहत मिल सकती है।
एक छोटी चम्मच जायफल पाउडर को गर्म दूध में मिलाकर पिने से सर्दी और खांसी में लाभ हो सकता है।
एक छोटी चम्मच शहद को गरम पानी में मिलाकर पीने से गले की सूजन और खांसी में राहत मिलती है।
अदरक के छोटे टुकड़े को शहद में डुबोकर चुसने से नाक और गले की समस्या में लाभ हो सकता है।
पुदीना और तुलसी के पत्तों का काढ़ा बनाकर पीने से शरीर में गरमाहट महसूस होती है और नाक खुलती है।
गरम भूता जैसे किसी गर्म चीज को हल्के से चबाकर खाने से सर्दी और खांसी में राहत मिल सकती है।
सर्दी के मौसम में अंजीर खाना फायदेमंद होता है क्योंकि यह शरीर को गरमी प्रदान करता है और खांसी को रोकता है।
सर्दी के मौसम में गरम तेल के साथ पीठ, छाती, पैरों और नाक की मालिश करने से शरीर का गरमाहट बढ़ता है और राहत मिलती है।
यदि सर्दी या किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या में लाभ नहीं मिल रहा है या समस्या बढ़ रही है, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
इस आर्टिकल में सर्दियों में बच्चों को कैसे बनाये ताकतवर के बारे में पूरी जानकारी शेयर की गयी है | इस लेख में सर्दियों में बच्चों को सर्दी लगने से बचाने के बारे में जानकारी दिया हूँ |
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