Malware In Hindi मैलवेयर क्या है? और इनके कितने प्रकार है!

Last updated on November 29th, 2023 at 06:58 pm

Malware In Hindi: जैसा की आप जानते है आज के समय में लगभग सभी काम ऑनलाइन ही होते है. ऐसे में लगभग सभी व्यक्ति के पास कंप्यूटर / लैपटॉप मौजूद है. यदि आपके पास लैपटॉप नही है तो भी मैलवेयर के बारे में अवश्य जानना चाहिए.

आपको यह भी पता होगा की आज के समय में साइबर अपराध बहुत ही तेजी से बढ़ रहें है. Pc में मैलवेयर आने का अनेकों वजह है लेकिन सबसे बड़ा वजह यह है की इन्टरनेट के गलत इस्तेमाल करने से लैपटॉप / कंप्यूटर में सबसे अधिक Malware घुंस जाते है.

इस आर्टिकल में Malware क्या है? और मैलवेयर के इतिहास (History Of Malware) , कंप्यूटर में कितने मैलवेयर मौजूद है के बारे में डिटेल्स पता करने का तरीका बताऊंगा.

Malware In Hindi

मैलवेयर क्या है (What Is Malware In Hindi)

मैलवेयर आने का माध्यम सबसे बड़ा इन्टरनेट है. इन्टरनेट से ही गलत वेबसाइट के चंगुल में आने से कंप्यूटर में Malware का Entry होता है. मैलवेयर एक कोड या फाइल के रूप में होता है. जो की यह ख़राब सॉफ्टवेर का समूह होता है.

यह जिस कंप्यूटर में घुसता है उसके साथ नुकसान ही करता है. कंप्यूटर को धीमा करने के साथ कंप्यूटर में इनस्टॉल किये गए सॉफ्टवेर को ख़राब कर देता है. इस फाइल में अन्य नाम से (वायरस,  स्पाईवेयर, एडवेयर, वर्म्स, ट्रोजन वायरस) मैलवेयर मौजूद हॉट है.

आज के समय में सोशल साईट के लिंक और फर्जी वेबसाइट के लिंक में Malware के कोड या फाइल छुपे होते है जिसके ऊपर क्लिक करने के बाद वह आपके ऊपर हमला कर देते है.

यदि किसी यूजर के पास मेल आता हो और वह मेल में दिए लिंक पर क्लिक करें तो हो सकता है इससे भी आपके कंप्यूटर में मैलवेयर को आने का रास्ता बन जाता है.

Malware को क्या कहते है इनके फुल फॉर्म लिखें

मैलवेयर एक प्रकार का वायरस होता है जिसको Malicious Software (Malware In Hindi) कहा जाता है और इसका Full Form भी Malicious Software ही होता है.

मैलवेयर का इतिहास(History Of Malware In Hindi)

1970 के दशक में कंप्यूटर को संक्रमण करने वाला पहला वायरस क्रीपर को Bob Thomas ने विकसित किया था. वहीं एनी कंप्यूटर तक फ़ैलाने की बात करें तो आपको बता दूँ Tenex Operating System द्वारा फैलाया गया था.

जिसके पास यह वायरस होता है उसके Screen पर “I Am The Creeper Catch Me If You Can” तरह का Message दिखाई देता था. वहीं इस वायरस को ढूँढने की बात करें तो Arpanet Network से तुरंत खोज लिया गया.

इसके बाद 1982 में Rich Skrenta द्वारा Elk Cloner Virus का निर्माण किया गया. जिससे कंप्यूटर संक्रमित होने लगे. इसके बाद इसका सिलसिला रुका नहीं और एनी नाम से मैलवेयर का निर्माण हुई जिससे कंप्यूटर संक्रमित होने लगे.

मैलवेयर कैसे फैलता है (How Malware Spreads In Hindi)

मैलवेयर फैलने का बहुत सारे वजह है, जिससे आपके कंप्यूटर में मैलवेयर फ़ैल सकता है. इसके पहले पेन ड्राइव, चिप और Cd ड्राइव के माध्यम से आपके कंप्यूटर में मैलवेयर पहुँचाया जाता था. लेकिन अब तरीका बदल गए है. आज के समय में स्पैम वेबसाइट और स्पैम ईमेल के द्वारा वायरस फैलाया जा रहा है.

यदि आप किसी Spam वेबसाइट पर जाते है और बिना वजह के पता किये बिना फोल्डर डाउनलोड करते है तो आपके कंप्यूटर में वायरस आ सकता है.

इसके अलावा आपके ईमेल पर Spam Mail प्राप्त होता है इस स्थिति में मेल में दिए गए लिंक पर क्लिक करते है तो आपके कंप्यूटर में Malware डाउनलोड होने का चांस बढ़ जाता है. कहने का मतलब यह है की आज के समय में यही वो वजह है जिससे ज्यादा मैलवेयर बढ़ने का चांस होतें है.

मैलवेयर के प्रकार जानिए (Types Of Malware In Hindi)

जैसा की हम जानते है मैलवेयर का प्रकार इन्टरनेट पर अनेकों रूप में मौजूद है जिसको जानना हर यूजर के लिए आवश्यक है, जो इस प्रकार है.

(1.) वायरस (Virus)

आज के समय में लोगो के मोबाइल और कंप्यूटर में जयादा मात्र में वायरस घुस जाते है. यह आपके ही गलती के वजह से आपके कंप्यूटर में कोड या फाइल के रूप में इनस्टॉल हो जाता है. यह फाइल तबतक वर्क नहीं करता है जबतक आप इस फाइल को नहीं खोलते है.

यदि आप इस फाइल को ओपन करते है तो आपके कंप्यूटर में वायरस सक्रीय हो जाता है. इसके अलावा यदि किसी बढियां सॉफ्टवेयर में यह वायरस घुस जाता है और आप उस सॉफ्टवेर को ओपन करते है तो बैकग्राउंड में वायरस भी अपना काम करने लगता है.

इससे यह होता है की आपके कंप्यूटर के कार्यक्षमता कम हो जाता है यानि की आपका कंप्यूटर धीरे धीरे काम करता है.

(2.) स्पाइवेयर (Spyware)

स्पाइवेयर (Spyware) भी सबसे खतरनाक मैलवेयर में से एक है. यह आपके कंप्यूटर के सभी डेटा के बारे में जानकारी रखता है और आपके डेटा को अपने मालिक के पास ट्रान्सफर करता है. सबसे मुख्य बात यह है की इसका भनक आपको नही नहीं लगता है क्यूंकि यह बैकग्राउंड में काम करता है.

जैसा की आप जानते है कंप्यूटर / लैपटॉप में बहुत सारे यूजर क्रेडिट कार्ड और एटीएम का डिटेल्स सेव करके रखते है. ऐसा करने से उनके डेटा को चुराया जा सकता है. मतलब यह है की आपके डेटा का मालिक Spyware हो जाता है.

(3.) कीड़े (Worms)

वर्म्स भी कंप्यूटर के लिए बहुत ही खतरनाक होते है, यदि आपके कंप्यूटर में घ्युस्ता है तो यह आपके लैपटॉप / कंप्यूटर को बर्बाद ही करके छोड़ता है. यह कंप्यूटर में घुसते ही अपनी कॉपी बनाते जाता है.

यह आपके लैपटॉप में किसी Network या Download File के द्वारा घुसता है. इस तरह से आपके कंप्यूटर में होने के बाद आपके कंप्यूटर को नुकसान पहुंचता है.

(4.)  एडवेयर (Adware)

इस मैलवेयर (“Malware In Hindi”) को कंप्यूटर के अलावा मोबाइल फ़ोन में ज्यादा देखने को मिलता है. इसको इस तरह से डिजाईन किया जाता है जिससे यह आपके कंप्यूटर में होने के बावजूद आपको दिखाई नहीं देता है. यह आपके कंप्यूटर को नुकसान ही नुकसान पहुंचता है.

इस मैलवेयर का काम विज्ञापन दिखाना होता है. यह बिना वजह के आपके कंप्यूटर या मोबाइल पर विज्ञापन दिखाकर आपके किसी स्पैम साईट पर Redirect करता है. इससे आपका ब्राउज़र असुरक्षित हो जाता है.

(5.)  रैंसमवेयर (Ransomware)

यह आपके कंप्यूटर में घुसने के बाद जरुरी इनफार्मेशन को चुराता है और आपके फाइल को लॉक कर देता है. जिसको खोलने के लिए आपको पैसे भुगतान करने पर मजबूर कर देता है.

यह आपके Pc में तब आता हियो जब आप Spam लिंक पर क्लिक करते है.

(6.) ट्रोजन्स (Trojans)

यह आपके बेटर परफॉरमेंस को ख़राब करता है. और आपको पता भी नहीं चलता है. कहने का मतलब यह है की यह आपके कंप्यूटर में इस तरह छुप जाता है की आप समझ नहीं पाते है.

सिस्टम को मैलवेयर से कैसे बचाएं?

किसी भी कंप्यूटर को सुरक्षित रखने के लिए आपको खुद अपने कंप्यूटर को सुरक्षित रखना होगा.

सबसे पहले कंप्यूटर / लैपटॉप में एंटीवायरस डाउनलोड या इनस्टॉल करें. यह उम्मीद करते है की फ्री का एंटीवायरस इस्तेमाल न करने प्रीमियम एंटीवायरस Buy करें.

किसी भी फाइल , गाने, फिल्म को डाउनलोड करने के लिए विश्वशनीय साईट का इस्तेमाल करें, नहीं तो आपके कंप्यूटर में मैलवेयर घुस सकते है.

कई बार ब्राउज़र में लुभावने विज्ञापन दिखाई देता है जिसको यूजर क्लिक करते है , ऐसे में ऐसे लुभावने Add से बचना चाहिए. कहने का मतलब यह है की सस्ते और खास ऑफर देने के पीछे वायरस का वजह हो सकता है.

किसी भी अंजन लिंक या फाइल को ओपन करना गलत है. यदि आप किसी अंजन यूआरएल को ओपन करते है तो आपके लैपटॉप में Virus घुसने का चांस बढ़ जाता है.

किसी भी अंजन पेन ड्राइव , Cd, Usb को Pc से कनेक्ट करने से पहले यह जाँच करें की कहीं पेन ड्राइव में वायरस तो नहीं है.

जरुरी डेटा के फाइल में पासवर्ड प्रोटेक्ट करें. अगर ऐसा करते है तो कहीं हद तक आपका डेटा सही रहता है.

कंप्यूटर में मैलवेयर होने का लक्षण

यदि एक बार आपके कंप्यूटर में वायरस घुसता है तो पुरे कंप्यूटर को ख़राब कर देगा. कहने का मतलब यह है की आप सही से कंप्यूटर पर काम नहीं कर पाएंगे.

  • किसी सॉफ्टवेर को ओपन करने पर अलग – अलग प्रकार से Error Message दिखाई देना.
  • कंप्यूटर का परफॉरमेंस धीमी गति से कार्य करना. इस स्थिति में आपका लैपटॉप धीरे – धीरे कार्य करता है.
  • किसी भी प्रोग्राम को लोड करने में अधिक समय लगता है.
  • कंप्यूटर को बार – बार बंद होना.
  • कंप्यूटर के सॉफ्टवेयर आटोमेटिक क्लोज होना या कार्य करते समय बंद हो जाना.

मैलवेयर को कंप्यूटर से कैसे हटायें

किसी भी कंप्यूटर से Malware को हटाना बहुत ही आसान है. लेकिन इसके लिए एंटीवायरस का प्रीमियम वर्शन Buy करना होगा. कभी भी भूलकर भी Free Antivirus का इस्तेमाल न करें. अगर ऐसा करते है तो आपको ज्यादा नुकसान उठाना पड़ सकता है.

यहाँ पर कुछ एंटीवायरस का नाम शेयर कर रहा हूँ जिसको आप आसानी से क्प्म्पुटर और लैपटॉप के लिए खरीदारी कर सकते है. वहीं मेरा बात करें तो आपको बता दूँ मै दो लैपटॉप में दो तरह का एंटीवायरस यूज करता हूँ. जैसे : Acafee और Quick Heal

Best Antivirus Name List

यहाँ पर कुछ एंटीवायरस का नाम शेयर कर रहा हूँ जिसमें से आपक किसी भी एंटीवायरस को Buy कर सकते है.

  • Mcafee
  • Norton 360
  • Malwarebytes
  • Net Protector Total Security
  • Quick Heal
  • Guargian

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निष्कर्ष (Conclusion)

इस आर्टिकल में Malware In Hindi मैलवेयर क्या है और इनके प्रकारों के बारे में बताया हूँ, इस लेख में यह भाई बताया गया है की लैपटॉप को सुरक्षित रखने के लिए क्या – क्या करना होता है. वहीं सुरक्षा के उपाय जानने के लिए इस आर्टिकल को पढ़िए.

इस पोस्ट में मैलवेयर के प्रकार व उनको रिमूव करने का प्रोसेस भी बताया हूँ. यदि आप Pc को बचाना चाहते है तो आपको एक एंटीवायरस इनस्टॉल कर लेना चाहिए. अधिक जानकारी के लिए Website Hindi यूटूब चैनल को सब्सक्राइब कीजिये.

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