Last Updated on 1 year by websitehindi
प्राणायाम क्या है? Pranayam कैसे करें? 2021 में Pranayama कितने प्रकार के होते है? (Types Of Pranayama In Hindi) इन सभी सवालो का जबाब इस पोस्ट में मिलेगा |
आज के भागदौड़ इतना विषैली हो गयी है | जिसको सुधारना बहुत मुस्किल है पर आप अपने जीवन शैली में कुछ बदलाव कर जीवन को सवांर सकते है | दिन पर दिन लोग प्राकृतिक से दूर होते जा रहें है जिसके वजह से सही और गलत में कोई फर्क नहीं दिखाई देता | लोग जान बुझ कर अपने रोगप्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर रहें है | जिसको ठीक करने के लिए प्राणायाम क्या है? को जानना होगा क्यूंकि इससे आपको बहुत मदद मिलने वाला है |

जानिए प्राणायाम के प्रकार Types Of Pranayama In Hindi
सरल भाषा में जाने तो लोग अपने-अपने धर्म के अनुसार ही प्राणायाम करना जानते है पर प्राणायाम के अनेक प्रकार है जिसको ढंग से करने पर फायदा मिलेगा | (इसे भी पढ़ें Fm Whatsapp डाउनलोड कैसे करें? नए सुविधा के साथ 2021 में |)
कपालभाति प्राणायाम
बाह्य प्राणायाम
भस्त्रिका प्राणायाम
उद्गीथ प्राणायाम
नुलोम-विलोम प्राणायाम
अग्निसार क्रिया
शीतली प्राणायम
प्रणव प्राणायाम
भ्रामरी प्राणायाम
उज्जायी प्राणायाम
सीत्कारी प्राणायाम
चंदभेदी प्राणायाम
प्राणायाम क्या है? – What Is Pranayama In Hindi
Pranayama का शरीर से विशेष लगाव होता है | प्राण और आयाम मिलकर प्राणायाम शब्द का निर्माण होता है | प्राणायाम करते समय साँस को आयाम तक ले जाया जाता है | जिसके वजह से हमारा प्राण रूपी शारीर जीवित रहता है | दिमाग को संतुलन में रखकर सांस रोकना और छोड़ने की क्रिया को प्राणायाम कहते है | अब आप समझ गए होंगे की प्राणायाम क्या है? और किस प्रकार उपयोगी है | (इसे भी पढ़ें दांतों को मजबूत बनाने के सरल उपाय – Simple ways to strengthen teeth)
प्राणायाम कैसे करें इन हिंदी
प्राणायाम करने की क्रिया एक ही जैसा होता है पर अलग – अलग लोगो का मत अलग हो सकता है | प्राणायाम करते समय थोडा बदलाव करने से आपके प्राणायाम का रूप बदल जाता है | (इसे भी पढ़ें जानिए हीमोग्लोबिन बढ़ाने के घरेलु तरीके)
अगर आप प्राणायाम करते है तो जान लीजिए इसे तीन प्रक्रिया में विभाजित किया गया है | प्राणायाम सुबह या शाम किया जा सकता है | जो इस प्रकार है |
- पूरक: नियंत्रित गति से साँस लेने की क्रिया को पूरक कहते है | इसके लिए हमेशा अभ्यास करना होता है |
- कुंभक: हमेशा अभ्यास करने वाले व्यक्ति सामान अनुपात और ले में लिए गए साँस को रोककर रखता है |
- रेचक: इस क्रिया में अन्दर ली गयी साँस को नियंत्रित गति से बाहर की ओर छोड़ना होता है | (इसे भी पढ़ें जानिए 2021 में नीम के पत्तियां खाने के फायदे हिंदी में |)
प्राणायाम करने के लिए प्रात:काल नित्यकर्मो से निवृत होकर स्वच्छ भूमि पर आसन लागाये | किसी भी मुद्रा में बैठना है जिससे आप एक ही मुद्रा में अधिक देर तक बैठ सकें | जिस तरह से ऋषि मुनि बैठते है उस तरह से भी बैठ सकते है | इसके बाद अलग-अलग प्राणायाम के अनुसार साँस को अन्दर बाहर कर सकते है |
प्राणायाम करने के फायदे – Benefits Of Doing Pranayama
अगर आप सुबह और शाम प्राणायाम करते है तो अनेक प्रकार के लाभ मिलता है | जो निम्नलिखित है | (इसे भी पढ़ें जोड़ों में दर्द की दवा कारण, लक्षण और उपचार हिंदी में !)
- प्राणायाम करने से शांति मिलती है जिसे धन दौलत से कभी ख़रीदा नहीं जा सकता है |
- इस प्रिक्रिया को करने से भरपूर मात्रा में फेंफड़ो तक ऑक्सीजन पहुँचता है जिसके वजह से फेफड़ों के समस्या को दूर होती है |
- प्राणायाम करने से कोलेस्ट्रोल कम होती है |
- हड्डियाँ मजबूत होने लगती है इसीलिए क्यूंकि प्राणायाम करने से कैल्सियम की कमी दूर होती है |
- अगर आप गैस, कब्ज, एसिडिटी जैसे समस्या से परेशान है तो इस प्रक्रिया से रहत मिलती है |
- शरीर में प्राण वायु की गति सुचारू रूप से संचार होती है जिसके वजह से हिमोग्लोबिन बढ़ता है |
- मुंह पर मुस्कान और चेहरे पर चमक बढती है |
- मनुष्य के आयु में वृद्धि होती है |
- मानसिक तनाव व थकान को कम किया जा सकता है |
Conclision
इस पोस्ट में प्राणायाम क्या है? Pranayam कैसे करें? Pranayama कितने प्रकार के होते है? (Types Of Pranayama In Hindi) के बारे में बताया गया है | लेख में यह भी बताया गया है की दैनिक जीवन में प्रणायाम करने से लाभ क्या होता है?