Last updated on July 31st, 2023 at 12:32 pm
Polling Officer Election Duty In Hindi: चुनाव के समय में पोलिंग ऑफिसर का इलेक्शन ड्यूटी दिया जाता है. सबसे ज्यादा बिहार के शिक्षक और शिक्षिकाओं को चुनावी ड्यूटी में लगाया जाता है.
निर्वाचन आयोग द्वारा ड्यूटी लगाने के लिए एक लेटर भी जारी किया जाता है जिसमें यह बताया जाता है की कौन – सी विद्यालय की शिक्षक / शिक्षिकाओं को चुनावी ड्यूटी के लिए ट्रेनिंग करना होगा.
ट्रेनिंग करने के लिए सबसे पहले शिक्षा विभाग के आदेशा अनुसार अध्यापको का डिटेल्स भरकर विभाग को भेज दिया जाता है. डिटेल्स भेजने के बाद जिला मुख्यालय के शिक्षा विभाग के डिपार्टमेंट द्वारा शिक्षक / शिक्षिकाओं का चयन होता है.
इस पोस्ट में Polling Officer के बारे में इनफार्मेशन दिया गया है. Websitehindi.Com के आर्टिकल द्वारा यह भी बताया गया है की ड्यूटी में क्या करना होता है.
Polling Officer Election Duty
अगर आपका नाम पोलिंग ऑफिसर के लिए चयन किया गया है तो आपको यह जानना आवश्यक है की Polling Officer के लिए दिए गए पोस्ट (कार्यकर्त्ता) को किस प्रकार के ड्यूटी लगाया जाता है.
यदि आप ड्यूटी के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेते है तो आप बिना परेशानी के चुनावी कार्यो में सफलता पूर्वक कार्य कर सकते है. Polling Officer Election Duty में कार्य करने वाले को चुनावी ड्यूटी बहुत ही कठिन लगता है. ड्यूटी कठिन लगने का वजह यह भी है की इसमें बहुत ही सख्ती से ड्यूटी लिया जाता है. आइये जानते है पोलिंग ऑफिसर के लिए किस प्रकार के कार्यों में लगाया जाता है.
Polling Officer All Post Information
P1
जब बूथ पर मतदाता वोट देने के लिए जाते है तो सबसे पहले P1से ही मुलकात होती है. P1 का कार्य मतदाता का पहचान करना होता है. यहां पर P1 द्वारा मतदाता के आइडेंटिटी कार्ड को चिन्हित मतदाता लिस्ट के साथ मिलान करना होता है.
मतदाता के पास 11 डाक्यूमेंट्स में से कोई भी वैलिड आइडेंटिटी कार्ड होना चाहिए. मतदाता का फोटो और नाम के साथ EPIC मिलाने के बाद जोर से क्रमांक बोलेगा ताकि P2 को सुनाई दे सके.
इसके साथ साथ महिला और पुरुष का पहचान करता है. यदि पुरुष है तो तिरछी निशान लगाएगा. वहीं महिला के सामने तिरछी निशान के एक कोने को गोल बना देगा.
P2
P1 से ज्यादा P2 का कार्य ज्यादा होता है. यानि की P2 बहुत सारे कार्यों को जिम्मेदारी से करना होता है.
(1.) 17 A मतदाता रजिस्टर का जिम्मेदारी P2 को ही दिया जाता है.
(2.) मतदाता का क्रमांक भरने के साथ – साथ मतदाता का हस्ताक्षर या अंगूठे का निशान को लेना होता है.
(3.) निर्वाचक का EPIC कार्ड नंबर को रजिस्टर में दर्ज करना पड़ता है या यह भी देखना होता है की मतदाता आइडेंटिटी के रूप में क्या लेकर आया है. जिस प्रकार के आईडी निर्वाचक के पास है उसके लास्ट 4 डिजिट अंक Register में दर्ज करना होता है.
(4.) मतदाता के लिए पर्ची बनाकर देना होता है. इसमें क्रमांक और ने डिटेल्स होते है.
(5.) मतदाता के अंगुली में सियाही लगाना P2 का ही काम होता है.
P3
कण्ट्रोल यूनिट का प्रभारी P3 ही होता है.
जब P2 से पर्ची मतदाता को मिलता है तह वह पर्ची लेकर P3 के पास जाता है.
P3 को मतदाता से पर्ची लेकर एक तार में फंसा देना होता है. पर्ची को सुरक्षित रखने के बाद CU का बैलेट बटन दबा देता है. इसके बाद मतदाता को मतदान करने के लिए इजाजत दे देता है.
नोट: कभी – कभी P2 के पास ज्यादा काम रहता है तो दोस्ती या भाईचारे के नाते स्याही लगाने के लिए P3 को दे देता है. अगर P3 की मर्जी है तो वह स्याही लगाने का भी कार्य कर सकता है.
P3A
प्लास्टिक वोटिंग स्टिक के प्रभारी P3A होते है. वह द्वितीय मतदान प्राधिकारी P2 से पांच एवं सरपंच पदों से संबंधित प्राप्त किये गए मतपत्रों को मोड़कर / मोड़ने के प्रक्रिया में मतदाता को अवगत कराते है.
ऊपर से निचे इस तरह से मोड़ना होता है की मतपत्र के पीठ पर दाहिने ओर दिए गए प्रवेदक चिन्ह साफ – साफ दिखाई दे सके. इसके तुरंत बात यह पर्ची और स्टिक मतदाता को देना होता है. इसके साथ – साथ P2 द्वारा लगाये गए अंगुली में सयाही का निशान चेक करना होता है.
इसके बाद मतदाता को मतदान कक्ष की और जाने के लिए कहना होता है. यही कार्य बहुत ही सरलता से P3A को करना होता है.
जब मतदाता वोट देकर आते है तो मतपत्र को वापस लेकर मतपेटी में डालना होता है. इन सभी प्रक्रिया को सावधानी से करना होता है.
P3B
मुखिया और ग्राम पंचायत के सदस्य के कंट्रोल यूनिट के प्रभारी P3B ही होते है. ये मुखिया एवं ग्राम पंचायत के सदस्य के कंट्रोल यूनिट के प्रभारी होते है. इसके अलावा P3A से मतदाता पर्ची प्राप्त करने के बाद आगे मतदान करने के लिए अनुमति प्रदान करते है.
कंट्रोल यूनिट से बैलेट इशु करना P3B का ही कार्य होता है.
P3C
पंचायत समित के सदस्य एवं जिला परिषद के सदस्य के कंट्रोल यूनिट के प्रभारी होते है. इनका काम आसान होता है क्यूंकि ये P3B द्वारा दिए गए पर्ची को मतदाता को मतदान करने के लिए उन्ही के पर्ची अनुसार EVM से मतदान करने हेतु अनुमति प्रदान करते है.
कंट्रोल यूनिट से बैलेट इशु करना इनका ही काम होता है. इसके अलावा कंट्रोल यूनिट के बैलेट बटन को दबाकर पंचायत समित और जिला परिषद के सदस्यों को मतदान देने के लिए बैलेट इशु करते है.
इसके अलावा मतदाता पर्ची को सुरक्षित रखना भी इनका ही काम होता है.
निष्कर्ष (CONCLUSION)
इस लेख में Polling Officer Election Duty In Hindi तथा पोलिंग ऑफिसर के सभी कार्यों (Polling Officer All Post’s Information) के बारे में बताया गया है, इस पोस्ट में यह भी बताया गया है की पोलिंग ऑफिसर के ड्यूटी में कार्यों को किस प्रकार करना चाहिए.
यदि आप सरकारी ऑफिसर है और आपको ड्यूटी करना अनिवार्य हो गया है तो आप अपने कार्यों को समझने के बाद चुनावी ड्यूटी बहुत ही आसानी से कर सकते है. विडियो के माध्यम से समझने के लिए Website Hindi का यूटूब चैनल Subscribe कीजिए.
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