खसरा रुबैला रोग क्या है ? इस रोग से बच्चो को कैसे बचाए |

खसरा रुबैला रोग क्या है ? इस रोग से बच्चो को कैसे बचाए |- जन्म होने के बाद बच्चो में बीमारी फ़ैलाने लगता है | आधा से अधिक बच्चे किसी न किसी रोग का शिकार हो ही जाते है | इसीलिए रोग से लड़ने के लिए सरकार ने अनेक प्रकार के नि:शुल्क टिका लगाने का आयोजन करती है |

जिस तरह से पोलियो का टिका लगवाना जरुरी होता है उसी प्रकार से खसरा रुबैला रोग का भी टिका मुफ्त में सरकारी अस्पताल में देने का प्रावधान है | अब तो ए.एन.एम विद्यालय में जाकर सभी बच्चो को खसरा रोग का टिका लगाती है |

खसरा रुबैला रोग क्या है ?

खसरा वायरस से फैलने वाला जानलेवा रोग है |इसे संक्रामक रोग भी कह सकते है |  खसरा रुबैला रोग किसी भी बच्चे में हो जाये तो वह विकलांगता का शिकार हो सकता है यहाँ तक की बच्चों को मृत्यु भी होने की संभावना है | इसीलिए समय से पहले बच्चों को इस रोग से लड़ने के लिए टिका दिलवाना अनिवार्य है | सरकार ने यह टिका 9 महीने से 15 वर्ष के बच्चे को लगाया जाने की नि:शुल्क सेवा प्रदान की है |

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खसरा रोग के होनेवाला लक्षण

यह रोग आमतौर पर खांसने या छींकने से फैलता है | इस रोग को आने से बच्चे की आंख लाल हो जाती है | अत्यधिक बुखार का लगना | , खांसी , नाक का बहना तथा शारीर पर गुलाबी लाल दाना का होने की संभावना होती है |

यह रोग छोटे बच्चे जैसे 5 वर्ष के या व्यस्क 20 वर्ष के लोगो में भी हो सकता है | इस खसरा रोग से रोगी मर भी सकता है | रोग होने पर कुछ बच्चे में चिंता या घबराहट हो सकती है |

रुबैला रोग के लक्षण

यह रोग लड़के और लड़कियों दोनों में होने की संभावना है | इससे जायदातर महिलाओं में पीड़ा होती है | हल्का बुखार का आना , नेत्र रोग , कान के पीछे गर्दन पर सूजना , रुबैला रोग का मुख्य लक्षण है |

खसरे का इलाज कैसे और कहाँ कराये ?

जैसा की हम जानते है खसरे रुबैला रोग का नियमित इलाज नहीं है | लेकिन आमतौर पर टिका से  रोका जा सकता है |   जिस बच्चे को खसरे का लक्षण दिखाई दे उसे तरल पदार्थ देना चाहिए | अगर बुखार आये तो बुखार पर भी नियंत्रण रखना चाहिए | खसरा रोग होने पर विटामिन A की खुराक दे सकते है |

किसी भी बच्चे में खसरा रुबैला रोग का लक्षण दिखाई दे तो डॉक्टर से सलाह लेना उचित है वरना अनमोल धन को खोना पड़ सकता है |

एम.आर टिके लगवाना कितना सुरक्षित है ?

जैसा की हम जानते है एम.आर टिका भारत के अलावा देश – विदेशों में भी करोड़ों बच्चो को टिका लगाया जाता है | यह टिका लगभग पिछले 40 वर्षो से लगाने का प्रावधान चल रहा है | यह रोगी के लिए बहुत सुरक्षित है |

खसरा रुबैला रोग से संबंधित सवाल – जबाब

प्रश्न :- मेरा बच्चा 1 वर्ष का है क्या यह टिका मेरे बच्चे को लगाया जा सकता है ?

उत्तर :- हाँ ,

प्रश्न :- सरकार किस उम्र के बच्चे को टिका लगाने की सलाह देती है ?

उत्तर :- सरकार ने 9 माह से 15 वर्ष के बच्चे को नि : शुल्क टिका देने की संकल्प उठाई है |

प्रश्न :- यदि मेरे बच्चे को एम.आर का टिका पहले से लगाया जा चूका हो तो क्या उसे यह टिका लगवाना जरुरी है ?

उत्तर :- हाँ , यदि आपके बच्चे को एम आर का टिका पहले लगाया जा चूका हो तो उसे भी यह टिका का पूरक खुराक के रूप में लगवाए जो आपके बच्चो को अतरिक्त सुरक्षा प्रदान करता है |

प्रश्न :- क्या इस टिका को लगाने के बाद कोई परेशानी का सामना करना होगा

उत्तर :- नहीं , यह टिका बच्चे को सुरक्षा कवच की तरह है | अगर बच्चा में चिंता या घबराहट हो तो माता – पिता को परेशान होने की जरुरत नही है | सुझबुझ कर काम ले |

प्रश्न :- यदि कोई स्त्री गर्भवस्था में रुबैला वायरस से संक्रमित हो जाये तो क्या करें ?

उत्तर :- इस वायरस से गर्भवती को असमय गर्भपात भी हो सकता है या बच्चे को जीवन भर के लिए विकलांग बना सकता है | इसके पहले गर्भवती को अच्छे अस्पताल में इलाज करवा सकते है लेकिन उसमे उसे अधिक धन व्यय करना पड़ सकता है |

प्रश्न :- एम. आर का टिका कहाँ से लगवाएं ?

उत्तर :- एम.आर टिका लगवाने के लिए ए.एन.एम , आशा या आंगनबाड़ी से संपर्क कर सकते है | वैसे यह टिका सरकारी स्कूल , स्वास्थ्य केंद्र तथा सरकारी अस्पताल में मुफ्त में लगाया जा रहा है |

प्रश्न :- टिका दिलवाने का अभियान 9 माह से 15 वर्ष के बच्चे के लिए क्यूँ चलाया जा रहा है ?

उत्तर :- एम.आर टिका अभियान के अंतर्गत  9 माह से 15 वर्ष के बच्चों को टिका लगाया जा रहा है | क्यूंकि हमारे देश में 15 वर्ष के आयु तक ही बच्चे खसरा रुबैला रोग का शिकार हो रहे है |

प्रश्न :- टीकाकरण अधिकतर स्कूल में ही क्यूँ चलाया जा रहा है ?

उत्तर :- सरकार  ने टीकाकरण को विद्यालय में ही चलने का निर्णय ली है क्यूंकि लगभग बच्चे 15 वर्ष तक स्कूल जाते ही है |

प्रश्न :- किन बच्चों का खसरा रुबैला रोग का टीकाकरण नहीं किया जा सकता है ?

उत्तर :- निम्न श्रेणी के बच्चे को टीकाकरण नहीं किया जायेगा |

  • उन्हें अधिक बुखार या अन्य गंभीर बीमारी ( बेहोसी , दौरे पड़ना )
  • बच्चा अस्पताल में भर्ती हो |
  • उन्हें इस टिका से एलर्जी होने की आशंका हो |

9 माह से 15 वर्ष के बच्चे को खसरा रुबैला रोग का टिका लगवाना अनिवार्य है | अगर आप भी अपने बच्चे को टिका लगवाना चाहते है तो पास के सरकारी अस्पताल या आशा , ए.एन.एम , आंगनबाड़ी से संपर्क करें |

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