वेबसाइट हिंदी के इस लेख में Chandra Grahan Kab Lagta Hai के बारे में पूरी जानकारी दी गयी है | अगर आपको चन्द्र ग्रहण के बारे में जानकारी नहीं पता है तो इस लेख को अंत तक पढ़िए |
कुछ स्थितियों में चन्द्र ग्रहण लगना शुभ व अशुभ माना जाता है, पर किस वजह से लगता है , पूरी जानकारी शेयर करने वाला हूँ | चन्द्रमा को ग्रहण लगना व चंद्र ग्रहण कब से कब लगता है? से संबंधित जानकारी शेयर की गयी है |
Chandra Grahan: चन्द्रग्रहण कब लगता है?
पोस्ट का टाइटल | Chandra Grahan Kab Lagta Hai |
Official Website | WebsiteHindi.com |
आवेदन का प्रकार | चन्द्र ग्रहण क्यों लगता है? |
चंद्रग्रहण क्यों लगता है?
चंद्रग्रहण तब लगता है जब पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य एक ही रेखा के अनुसार अवस्थित हो गए हो | कहने का मतलब यह है की जब पृथ्वी , चंद्रमा और सूर्य के बिच हो तब चंद्र ग्रहण लग जाता है | इस स्थिति में पृथ्वी के प्रच्छाया में चंद्रमा आ जाती है |
वहीँ पौराणिक कथा के अनुसार भी चन्द्र ग्रहण लगने की बात कही गयी है | धर्म के अनुसार बताया गया है की एक समय समुन्द्र का मंथन किया गया था , जिसमें से अमृत पिने के लिए देवता और दानव उतावले हो रहे थे |
समुन्द्र मंथन में एक अमृत कलश भी था जिसको हर कोई पीना चाहता था | ऐसे में सभी को अपने लाइन में रहने के लिए कहा गया, वही दानव ने धोखे से देवताओं के लाइन में लग गए | जिसके बाद बाद अमृत पीते हुए सूर्य और चंद्रमा के द्वारा असुरो को देख लिया गया |
ऐसे में भगवन विष्णु को ये बात चंद्रमा जके द्वारा बताया गया और यही वजह है की भगवन विष्णु नें सुदर्शन से रहू का सर अलग कर दिया | यही वजह है की सर वलग भाग रहू और धड वाला भाग केतु के नाम से जाना गया | इस घटना के बाद वे चंद्रमा को दुश्मन मानने लगे और पूर्णिमा के दिन चंद्रमा उनसे ग्रसित हो जाता है |
नोट: चन्द्र ग्रहण के दिन भगवन के ध्यान में रहना चाहिए और चन्द्रग्रहण ख़त्म होने के बाद स्नान जरुर करना चाहिए | यदि आप चन्द्र ग्रहण क्यों लगता है? के बारे में जानना चाहते है तो यूट्यूब विडियो जरुर देखें |
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