गोद भराई क्या है? इस रस्म में क्या होता है!

गोद भराई क्या है? हिंदी में जानने के लिए वेबसाइटहिंदी.कॉम का पोस्ट पढ़िए क्यूंकि इस पोस्ट में Godh Bharai के रस्म निभाने से संबंधित जानकारियां शेयर किया गया है |

जब महिला गर्भवती होती है तब आनेवाला मेहमान के लिए तैयारियां जोरो पर होती है | घर के सदस्य अपने मर्जी से अलग-अलग तरीको से खुशियाँ मनाते है | गर्भवती होने पर एक परम्परिक रिवाज भी होती है जिसको निभाया जाता है |

गोद-भराई

गोद भराई क्या है? – What Is Baby Shower?

गोद भराई को अंग्रेजी में Baby Shower कहा जाता है | यह हिन्दू धर्म में परम्परिक रस्म है जिसमें गोद को प्रचुरता से भरना होता है | Godh Bharai के समय घर के परिवार गर्भवती को बहुत सारे आशीर्वाद देतें हैं | (इसे भी पढ़ें 10 Voice Recorder Apps आवाज रिकॉर्ड करने के दस एंड्राइड एप्लीकेशन)

सबसे बड़ी ख़ुशी उस महिला को होती है जो माँ बनने वाली होती है | क्यूंकि उसी दिन से परिवार वालों का आधिर्वाद रहता है की आनेवाला बच्चा हमेशा स्वास्थ्य रहें | आइये जानते है गोदभराई क्या होता है?

जानिए गोद भराई कब की जाती है?

7वें तथा 8वां महीने में गर्भवती महिला के पेट में बच्चे सुरक्षित होतें है जिसके बाद गोद-भराई का रस्म निभाना अच्छा होता है | इसीलिए अलग-अलग समुदाय के अनुसार गोद Bharai के रस्मे सातवें महीने में ही पूरी की जाती है |

गर्भवती की गोद भराई कैसे की जाती है?

गोद भराई के रस्मों में सिर्फ महिलाएं ही शामिल होती है | जिसमें बच्चे और गर्भवती महिला को बहुत सारे आशीर्वाद और दुवाएं दी जाती है | अलग – अलग राज्यों में Godh Bharai का नाम अलग होता है | (इसे भी पढ़ें Rooibos Tea क्या है? रूइबोस टी के फायदे और नुकसान हिंदी में !)

जैसे: बंगाल में शाद तथा केरल में सिमाथाम नाम से जाना जाता है | इन दिनों बुजुर्ग औरते तथा अन्य महिला द्वारा खास तेल से अभिषेक किया जाता है | घर दरवाजे सजावट और फूलो से सजाया जाता है | इन दिनों गर्भवती महिला को खास ख्याल रखा जाता है |

जिस समय पर पर यह कार्यक्रम का आयोजन होता है उस समय गर्भवती की झोली (आंचल) मिठाइयाँ, अन्य कीमती उपहार से भर दी जाती है | उस दिन खाने पिने की तरह-तरह की व्यंजन बनाएं जातें है |

Baby Shower का महत्व

गर्भवती महिला के लिए हर परम्परिक रस्म के पीछे खास महत्व होता है | इस रस्म को सातवें – आठवें महीने में मनायी जाती है | जिसके लिए खास महत्व इस प्रकार निम्नलिखित है |

  • बेबी शावर मानाने का मतलब की गर्भवती महिला का गर्भ लगभग सात महीने का हो गया है इसीलिए ख़ुशी होती है की बच्चा सुरक्षित है |
  • कहा जाता है की गोद Bharai की रस्मे पूरा करने से होनेवाली दोष समाप्त हो जाती है | क्यूंकि आज के दिन विभिन्न औरतें द्वरा दुयाएँ मिलती है |
  • गर्भवती महिला को बहुत सारे सूखे मेवे मिल जाते है जिसको गर्भवती को बहुत आवश्यकता होती है | इससे गर्भवती अपना सेहत का ख्याल रख सकती है |
  • जैसा की क्कः जाता है डिलीवरी के समय चिकनाई से प्रसव में आसानी होती है | अगर औरतें खाना शुरू कर दें इसीलिए बहुत सारे वसा युक्त पदार्थ दिए जातें है |

माँ के लिए जरुरी जानकारी

इस दिन माँ के अलांवा घर परिवार में खुशियों का माहौल बना रहता है | इसके साथ आस पास के महिलाएं शामिल होती है और बहुत सारे आशीर्वाद देती है| लेकिन माँ का भी कर्तव्य बनता है की वो बेबी शावर से पहले कुछ तैयारियां कर सकें  | (इसे भी पढ़ें How to maintain a pregnant woman गर्भवती महिला के देखरेख कैसे करें)

पहनने वाले कपडे :- सबसे पहले माँ को यह समझना चाहिए की उनका शरीर को पहले  देख रेख करने की जरुरत है | ऐसी कपडे का चुनाव करें जिसको पहनने के बाद किसी भी तरह का परेशानी न हो | आप ढीला कपडा पहन सकती है |

आराम करें;- जैसा की आप जानती है रस्म शुरू होने के बाद आपको बहुत ज्यादा थकान हो सकती है इसलिए सबसे पहले आराम कर लेना चाहिए |

आपने आप पर ध्यान दे:- जैसा की आप जानते है इस दिन खुशियों का माहौल बना रहता है | इसीलिए माँ बनने वाली गर्भवती महिला को ज्यादा उछल कूद नहीं करना चाहिए |

Conclusion

वेबसाइटहिंदी के पोस्ट में गोद भराई क्या है? के बारे में बताया गया है | पोस्ट में यह भी बताया गया है की गर्भवती माँ को किस प्रकार सावधानियां बरतनी चाहिए | अगर आपको पोस्ट पसंद आये तो कमेंट बॉक्स में जरुर बतायें |

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