pregnant woman गर्भवती महिला के देखरेख कैसे करें – गर्भवस्था के दौरान औरत को देखरेख करने से संबंधित जानकारी दी गई है |
हमारे देश में लड़कियों के पालन पोषण पर कम ध्यान दिया जाता है | जिसके कारण वह गर्भवस्था के पहले ही कुपोषण के शिकार हो जाती है , जो गर्भकाल में और तेजी से बढ़ जाता है | गर्भकाल के दौरान यह सुनिश्चित करना चाहिए की उनके भोजन में प्रयाप्त प्रोटीन , वसा , विटामिन और खनिज तत्व हो |
इसके लिए उन्हें मांस , अंडे , मछली , लीवर , दूध , मिश्रित दाल , राजमा , दही पनीर आदि खाने की सलाह दे सकते है | इनके अलावा फल और हरी पत्तेदार सब्जियाँ , विटामिन और खनिज तत्व के बेहतरीन स्त्रोत है | इसके सेवन से रेशा भी मिलता है | जो गर्भकाल में उत्पन्न कब्ज को कम करने में सहायक है |
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इसके अलावा अलग से आयरन , फोलिक एसिड तथा कैल्सियम की गोली भी देनी चाहिए ताकि बच्चे का विकास हो सके |
pregnant woman गर्भवती महिला के देखरेख कैसे करें
गर्भवती महिला को निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना आवश्यक है |
व्यक्तिगत स्वच्छता
औरत को गर्भ रहने पर हमेशा अपने त्वचा को साफ – सुथरा रखना चाहिए | वह प्रतिदिन स्नान भी कर सकती है | गंदे वस्त्र को बदलकर साफ – सुथरा वस्त्र पहनना चाहिए | गर्भवस्था के दौरान अपने स्तनों और उसके आसपास के भाग को साफ रखना बहुत जरुरी है |
इसके अलावा अन्तर्वस्त्र भी आरामदेह और साफ – सुथरी हो | इन सभी बातों पर अत्यधिक ध्यान देना जरुरी है |
गर्भकाल में काम करने के तरीके
जैसा की हम जानते है इस अवस्था में औरत को बच्चे का बोझ ढोना होता है | गर्भवस्था में महिला को हलके काम करने चाहिए | भारी वास्तु को कभी न उठानी चाहिए | लम्बी यात्राओं से बचना चाहिए | घुड़सवारी तथा भारी व्यायाम न करें |
गर्भकाल में व्यायाम
गर्भवस्था के दौरान महिला को मनोरंजन तथा हल्का – फुल्का व्यायाम करना जरुरी है , इससे प्रसव के दौरान आसानी होती है |
गर्भवती को आराम
आजकल के भागदौड़ में बहुत सी महिलाये गर्भवती होने पर जिंदगी से खिलवाड़ करती है | वह आराम करना ही भूल जाती है | एक गर्भवती महिला को रोज कम से कम 8 घंटे सोना जरुरी है , जिसमे से 2 घंटे दोपहर के समय हो सकता है |
जब भी महिला आराम करे उस समय कोई अवरोध या व्यवधान न आये | सोने का कमरा हवादार होना चाहिए |
गर्भवती महिला को जानने योग्य बातें |
बताये गए निम्नलिखित लक्षण होने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए |
- पेट में अधिक दर्द होने पर
- रक्तस्त्राव
- पेशाब में जलन और दर्द होना
- सिर दर्द तेज होने पर
- आँखों में धुंधलापन या कम दिखाई देना
- चेहरे पर सुजन या भारीपन
- योनी – स्त्राव
- गर्भस्थ शिशु का कम या न हिलना डुलना
- बुखार या ठण्ड लगना
- लगातार उलटी होना
गर्भवती महिला (pregnant woman ) को ऊपर बताये हुए जानकारी को हमेशा पालन करना चाहिए | इससे उन्हें परेशानी बहुत कम होगी और वह एक अच्छे शिशु को जन्म दे सकती है |