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भारत देश का सिलेबस कैसा होना चाहिए

Syllabus In India: राईट टू एजुकेशन के अनुसार देश में सभी राज्यों का सिलेबस एक ही होना चाहिए | जो सिलेबस CBSC BOARD है वही सिलेबस अन्य बोर्ड का भी है तो देश में तेजी से विकास होगी |

हमारे देश के बच्चे पढाई किसी और बोर्ड (Syllabus In India) से करते है और परीक्षा में किसी अन्य सिलेबस व बोर्ड से सवाल पूछे जाते है, जिसके वजह से बच्चे उच्च शिक्षा को हासिल नही कर पाते है और न ही कॉम्पटीशन निकाल सकते है |

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Syllabus In India

Syllabus In India: देश का सिलेबस कैसा होना चाहिए

पुरे देश में पढने वाले बच्चे को एक ही प्रकार के सिलेबस के बारे में जानकारी होना चाहिए | अगर आप किसी अन्य भाषा के नागरिक है तो आपको आपके स्टेट वाले भाषा में वही सिलेबस से पढाई होनी चाहिए |

जिस तरह से Neet , NET, नवोदय, नेतरहाट, इंजीनियरिंग , इग्नू की परीक्षाएं एक ही सिलेबस पर आयोजित की जाती है उसी प्रकार क्लास 01 से 12th व बी.ए , बीएससी, मास्टर डिग्री इत्यादि कोर्स में इंडिया लेवल पर एक ही सिलेबस होना चाहिए |

ऑल इंडिया में एक ही सिलेबस होने के फायदे

यदि भारत देश में एक ही प्रकार के SYLLABUS रहे तो देश के बच्चों को उच्च शिक्षा हासिल करने में दिक्कत नहीं होगी |

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Syllabus In India

हर गली- शहर में ट्यूशन पढ़ाने वाले शिक्षक मिल जायेंगे |

सस्ती किताबे खरीद सकते है |

ट्यूशन पढने की आवश्यकता नहीं होगी |

शिक्षा व्यवस्था में सुधार होगा |

देश में शिक्षको की कमी नहीं रहेंगी |

सभी युवा शिक्षित रहेंगे |

बहुत ही कम खर्चे में बेटे और बेटियां पढ़ लेगी |

अलग – अलग पब्लिकेशन की किताबे खरीदने की आवश्यकता नहीं होगी |

शिक्षा की क्षेत्र में भारत देश आगे होगा |

पढने के लिए छोटे शाहर से बड़े शहर जाना नही पड़ेगा |

हर घर में एक ही प्रकार के सिलेबस और शिक्षा होगी तो बेहतर समाज बनेगा |

अलग – अलग सिलेबस से नुकसान

देश में अलग – अलग सिलेबस होने से अनेको प्रकार के नुकसान हो सकते है , जो इस प्रकार है |

बच्चे को बढ़ने के लिए दूर शहर भेजना पड़ेगा |

अलग – अलग बोर्ड से पढाई करना सभी बच्चों के भाग्य में नहीं है |

महँगी किताबे खरीदना पड़ता है |

बच्चे को पढ़ाने के लिए अनेको गरीब माँ-बाप के पास पैसे नहीं  होते है |

बड़े स्कूल में गरीब अपने बच्चे को पढ़ा नहीं सकते है |

सिलेबस अलग – अलग होने से विषय के अनुसार शिक्षक मिलना मुस्किल हो जाता है |

किसी भी बड़े एंट्रेंस Exam निकालना मुस्किल है |

नॉलेज की कमी होती है |

बहुत सारे गरीब के बच्चे अनपढ़ रह जाते है |

नोट: यह जानकारी केवल लोगो तक पहुँचाने के लिए दी गयी है, क्यूंकि आज भी गरीब के बच्चे पढाई से वंचित रह जाते है | बहुत सारे बच्चे को परीक्षा के सिलेबस (Syllabus In India Books) के अनुसार ट्यूशन और कोचिंग करना पड़ता है जो गरीब के बच्चे के लिए संभव नहीं है |

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