बच्चों की मालिश कैसे करें? यह सवाल बहुत छोटी है परन्तु छोटे शिशु के लिए बहुत महत्वपूर्ण है | बच्चों को मसाज (Malish) करने से पुरे दिन की थकावट दूर हो जाती है और बच्चा अच्छी नींद में सो सकता है |
जिस तरह बच्चे को माँ की दूध की आवश्यकता होती है उसी प्रकार नवजात शिशुओं को तेल मालिश की जरुरत होती है | बच्चों की मालिश (Bachcho Ki Malish) करने से मजबूत शारीर होने के साथ-साथ माँ के साथ बच्चे का लगाव बढ़ता है | तेल मालिश करने के बहाने माँ अपने बच्चों से बहुत दुलार-प्यार कर सकती है |
सरसों तेल या अन्य मेडिसिन तेल से घर के सदस्य या माँ द्वारा बच्चों को मालिश (मसाज) किया जाता है | तेल (oil) मालिश करने से बच्चों में शरीरिक विकास होता है | तेल मालिश करके माँ अपने बच्चों के साथ बहुत बड़ा कर्तव्य का पालन करती है | (इसे भी पढ़ें रेडियो एनाउंसर की तरह आवाज भारी कैसे करें?)
तेल मालिश के फायदे इन हिंदी जानने के लिए वेबसाइटहिंदी.कॉम का पूरा पोस्ट पढना होगा | आज के समय में लोग Google पर तरह-तरह के तेल व नुस्खे ढूँढना चाहते है जैसे:- डाबर लाल तेल बच्चों को कब लगाना चाहिए, नवजात शिशु की मालिश के लिए तेल, गर्मियों में बच्चों को कौन सा तेल लगाना चाहिए, मजबूत हड्डियों के लिए सबसे अच्छा बच्चा तेल की मालिश. नवजात शिशु की लोई, मालिश करने की विधि इत्यादि |
बच्चों की मालिश करने के फायदे ! Benefits Of Massaging Children
अगर आप छोटे बच्चों को नियमित मालिश करते है तो बहुत सारे फायदे मिल सकतें है जो निम्नलिखित है | (इसे भी पढ़ें फॉल्स प्रेगनेंसी क्या है? False Pregnancy In Hindi)
(1.) बच्चों की मांसपेशियों में आराम मिलना
जैसा की हम जानते है छोटे बच्चे पुरे दिन कुछ न कुछ गतिविधियाँ करते रहतें है जिससे उनके शरीर में दर्द सा बना रहता है | अगर शिशु को दिन -रात में कम से कम 2-4 बार तेल मालिश हो जाये तो मांसपेशियां में बहुत आराम मिल सकता है | (इसे भी पढ़ें फ्रिज में अंडे रखने के फायदे जानिए कितने दिनों तक फ्रिज में अंडा रख सकते है?)
(2.) पेट से संबंधित समस्याओं से छुटकारा |
तेल मालिश करने से बच्चे को पेट संबंधित समस्याएं परेशानी गैस, ऐंठन, कब्ज बनना कम हो जाते है | जैसा की आप जानते है नवजात शिशु को कितना भी तकलीफ क्यों न हो रोने के सिवा कुछ बताते नहीं है | जिसका ध्यान माँ को रखना पड़ता है | (इसे भी पढ़ें त्वचा पर होनेवाली एलर्जी के घरेलू उपाय – Skin Allergy Home Remedy In Hindi)
जब मनुष्य धरती पर जन्म लेता है तब से छोटी से बड़ी तनाव से गुजरना होता है | शिशु को मालिश करने से मांसपेशियों में तनाव कम होती है | जो बच्चे समय से पहले जन्म ले लेते है उनके लिए मालिश फायदेमंद होतें है |
(4.) विक्लांग व कमजोर शिशु
विकलांग व कमजोर शिशु के लिए मालिश करना मतलब आहार के बराबर है | कमजोर शिशुओं को नियमित मसाज करने से स्वास्थ्य संबंधित लाभ मिलता है तथा मजबूती जल्दी आती है | (इसे भी पढ़ें घबराहट दूर करने के सरल उपाय – Ghabrahat Dur Karne Ke Upay)
Bachchon Ki Malish कब करना चाहिए?
नवजात शिशुओं की मालिश कुछ सप्ताह बाद किया जा सकता है | जो बच्चे ज्यादा मजबूत होतें है उनकी माँ एक सप्ताह के पहले से मुलायम अँगुलियों से मालिश करना शुरू कर देती है | बच्चे का मालिश तभी करें जब वह मूड में हो | अगर शिशु रोता है या बेहतर महसूस नहीं करता है उस स्थिति में मसाज न करें |
शिशु को मालिश करने के लिए एक समय तह करना होता है | अगर सुबह में मालिश करने की सोच रही है तो हल्की धुप में मालिश जरुर करें | इससे शरीरिक विकास होगा | (इसे भी पढ़ें लम्बी दाढ़ी बढ़ाने के 10 घरेलु तरीका – 10 Domestic Ways To Grow A Long Beard)
माता-पिता अपने समय के अनुसार बच्चों की मालिश कर सकते है | अगर आप किसी कार्य में ज्यादा समय देते है तो भी सुबह और रात में सोते समय मालिश जरुर करें | क्यूंकि रात में सोने से पहले मालिश करने से बच्चे की नींद अच्छी आती है |
अगर आपके पास अधिक समय है तो दिन में 4 घंटे के अन्तराल पर तेल मालिश कर सकती है | गाँव में देखा गया है माँ, दादी माँ और नानी माँ अधिक दुलार करने वाली मिल जाती है तो वो शिशु को हर दिन 7 बार भी तेल मालिश करती है | (इसे भी पढ़ें सफेद दाग (Safed Daag) हटाने के उपाय | घरेलु नुस्खे 2021 में)
बच्चों की मालिश कैसे करें? Bachcho Ki Malish Kaise Kare In Hindi
पहली बार माँ बनने वाली महिलाएं को मालिश करने में बहुत कठिनाइयाँ होती है | क्यूंकि वो बच्चों से बिलकुल अनजान होती है | अगर आपको समझ में नहीं आता है तो घर या पड़ोस के बुजुर्ग औरते से मदद ले सकती है |
6 -7 माह के बच्चे को हल्के हाथों से मालिश करना होता है | मालिश करने के लिए कुछ खास ख्याल रखना जरुरी है | (इसे भी पढ़ें मोबाइल नंबर पोर्ट (MNP) कैसे करें 2021 में)
- जिस जगह पर मालिश कर रहीं है उस जगह पर शांत वातावरण होना चाहिए यानि वह जगह हवादार होना हो |
- अगर आप धुप में मालिश कर रहीं है तो यह ध्यान रहें है की सूर्य की रौशनी बच्चे की आंखों पर न जाएँ |
- मालिश करने से पहले हांथों से ज्वेलरी बाहर निकालें |
- आपका नाख़ून काफी छोटा होना चाहिए ताकि बच्चे को किसी पारकर की खरोच न लगे |
- मालिश करने से पहले साबुन या हैंड वाश से हाथ धोएं |
- मालिश करने से पहले बच्चे का कपडा निकाल दें |
- जिस विस्तार पर बच्चे की मालिश होगा वह बिस्तर मुलायम होना चाहिए |
- शिशु को पीठ के बल लिटाये और थोड़ी तेल कानों तथा हांथों पर लगाये | हो सके तो पैर से मालिश घुटनों तक मालिश करना शुरू करें |
- हाथों को गोल-गोल गुमाते हुए सीना, कन्धा और बांह तक मालिश करते रहें |
- बच्चे को पेट के बाल लिटाकर पैर के तलवे और हथेलियों को अच्छे से मालिश करें |
- बच्चे का चेहरा मालिश करना बहुत जरुरी होती है | आंखों के निचे और नाक के आसपास सहलाएं |
- मुलायम हाथों से सिर का भी मसाज कर देना चाहिए |
Conclusion
वेबसाइटहिंदीडॉटकॉम के इस पोस्ट में बच्चों की मालिश कैसे करें? (How To Massage Children) के बारे में फुल जानकारियां दिया गया है | अगर आपको मालिश करने नहीं आता है तो घर के बुजुर्ग दादी माँ से जरुर पूछें | इस लेख को पढ़कर भी मदद ले सकती है |