Last updated on December 1st, 2022 at 12:00 pm
How Do Police Track Mobile Phones?
क्या आप जानते है की पुलिस मोबाइल फोन को कैसे ट्रैक करती है? : आपने देखा होगा सीरियल Cid या अन्य फिल्मों में किसी भी फोन को पुलिस आसानी से Trace कर लेती है |
हाँ, यह बात सही है अगर कोई अपराधी गलत काम करता है तो उसे पकड़ने के लिए मोबाइल नंबर का उपयोग करके Trace किया जाता है | जिसके बाद आसानी से अपराधी पकड़ा जाता है | हालाँकि ट्रैक करने वाला मोबाइल में जीपीएस (Gps) ऑन है तो आसानी से Trace किया जा सकता है | जितना यह आसान है उससे ज्यादा मुस्किल भी है | पूर्ण रूप से सही लोकेशन का पता लगाने के लिए गवर्नमेंट के Ruls को अपनाना पड़ता है . और यह Police ही करती है | स्वयं से Trace करने के लिए वैसा कोई सॉफ्टवेयर (Mobile Tracking Software Using Imei Number) नहीं है जिससे सही लोकेशन के बारे में जानकारी प्राप्त किया जा सकें |
पुलिस को मोबाइल फोन ट्रैक करने में में परेशानी कब आती है ?
इन्टरनेट पर बहुत सारी सॉफ्टवेर (Indian Police Mobile Tracking Software) मौजूद है जिससे आप आसानी से ट्रैक कर सकतें है लेकिन Keypad Phone ट्रैक करने के लिए Mobile Number Tracker इस्तेमाल करना मुस्किल है | कीपैड फोन में न तो जीपीएस होता है और न ही इन्टरनेट |
लेकिन पुलिस मोबाइल नंबर (फोन) Trace करने के लिए Triangulation Method का प्रयोग करती है | अगर आपके दिमाग में पुलिस द्वारा ट्रैक करने से संबंधित सवाल (How To Prevent The Police From Tracking Your Phone) है तो पूरा लेख पढ़ें |
पुलिस मोबाइल फोन को कैसे ट्रैक करती है?
अगर पुलिस को Imei (International Mobile Equipment Identity) नंबर मिल जाती है तो यह काम और आसान बन जाता है | जब भी
मोबाइल चोरी हो जाये तो पुलिस स्टेशन में रिक्वेस्ट दर्ज करते वक्त Imei Number लिखना अनिवार्य हो जाता है | इसीलिए हर मोबाइल यूजर को अपना Imei No. नोट करके रखना चाहिए |
हर स्टेट के पुलिस फोन track करने के लिए Triangulation Method का प्रयोग करती है | इस मेथड में अपराधी का मोबाइल On होते ही Sim कंपनी के टावर से कनेक्ट होती है | इससे कंपनी द्वारा टावर और फोन का रेंज पता किया जाता है |
यह बात भी तय होती है की हर एरिया में अलग – अलग स्थान पर मोबाइल टावर होतें ही है | सबसे पहले उन सभी टावर से दुरी का अनुमान लगाया जाता है की अपराधी का मोबाइल कहा पर हो सकता है |
उदाहरण :-
माना आपके एरिया में चार टावर है और चारो टावर से मोबाइल फोन की दुरी इस प्रकार है |
पहला टावर | 1 किलोमीटर |
दूसरा टावर | 2.5 किलोमीटर |
तीसरा टावर | 0.5 किलोमीटर |
चौथा टावर | 1.6 किलोमीटर |
आपको बता दें की 2G, 3G, 4G नेटवर्क के लिए अलग – अलग होती है | इसी तरह मोबाइल का सेंटर जहां होता है उसी के आसपास पुलिस अपराधी का पता करती है |
Track Phone By Imei Number
फोन एंड्राइड हो या Keypad किसी भी स्थिति में Imei नंबर की आवश्यकता होती है | जब भी आप पुलिस में रिक्वेस्ट दर्ज कराते है तो Imei No. देना अनुवार्य हो जाता है |
फोन चोरी होने के बाद पहले से लगा Sim अपराधी मोबाइल से अलग कर देता है | जब वह न्यू सिम मोबाइल में लगाता है तो Sim कंपनी को यह पता चल जाता है की ग्राहक का फोन कहाँ है | इसके बाद आसानी से Location ट्रैक कर सकतें है |
इस पोस्ट में पुलिस मोबाइल फोन को कैसे ट्रैक करती है? के बारे में जानकारी शेयर किया गया है | अगर आप अपने मोबाइल फोन को भविष्य में Trace करवाना चाहतें है तो आई.एम.ई.आई नंबर लिख कर रखें | Imei नंबर पता करने के लिए डायल Pad में *#06# dial करें आपके सामने डिटेल्स दिखाई देगा |
#police_mobile_phone
इसे भी पढ़ें |
बिजली (विद्युत) तैयार कैसे होता है ? फुल जानकारी
रामायण के 10 प्रमाण जो आप नहीं जानते – Ramayana Facts In Hindi
Desivid क्या है ? short video creator के बारे में फुल जानकारी !
वकील काला कोट क्यों पहनते हैं ? जानिए
जानिए क्यूँ मुस्लिम बहुल देश के नोट पर गणेश भगवान का फोटो लगाया जाता है
I want to track my lost phone who can help me
Mobile chorila gele ahe