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महर्षि वेद व्यास (Maharishi Ved Vyas) के बारे में पूर्ण जानकारी

Last updated on July 26th, 2023 at 08:22 pm

Maharishi Ved Vyas के बारे में पूर्ण जानकारी हिंदी में जानने के लिए वेबसाइटहिंदी का आर्टिकल पढ़िए क्यूंकि इस आर्टिकल में महर्षि वेद व्यास को दिखाया गया है | लेख में यह भी बताया गया है की कौन थे महर्षि वेद व्यास ?

हमारे आसपास ऐसे बहुत सारे लोग है जो वेद व्यास जी के बारे में नहीं जानते है | जानकारी के लिए आपको बता दू हिन्दू धर्म में वेद व्यास जी का नाम बहुत ही प्रचलित है | जैसा की हम जनते है गुरु पूर्णिमा को जन्मोत्सव के रूप में बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है |

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महर्षि वेद व्यास कौन थे? (maharshi ved vyas)

महर्षि वेद व्यास गुरुओं का गुरु थे | महर्षि वेद व्यास जी का जन्म आषाढ़ माह की पूर्णिमा को हुआ था इसलिए भी इनका जन्मोत्सव, पूर्णिमा के दिन होती है | जैसा की दुनियां जानती है महर्षि वेद व्यास जी 18 पुराणों के रचयिता है |

सबसे मुख्य बात यह है की महर्षि vedvyas जी के द्वारा महाभारत का रचना किया गया इसलिए भी महर्षि को गुरुओं का गुरु कहा जाता है |

गुरु पूर्णिमा की कथा (जानकारी)

लगभग 3000 ई. पूर्व में में महर्षि वेदव्यास का जन्म आषाढ़ के पूर्णिमा को हुआ था | उसी दिन के अनुसार हर साल आषाढ़ के शुक्ल पूर्णिमा को महर्षि वेद व्यास जी का जन्मोत्सव पर्व के रूप में मनाया जाता है |

महर्षि वेद व्यास जी उपनिषद और पुराणों के रचयिता थे जिसके वजह से समस्त मानव जाति उन्हें गुरु मानती है | इस तरह से maharshi ved vyas जी के प्रतिमा का पूजन किया जाता है |

 

महर्षि पराशर और सत्यवती का रिश्ते (कथा)

दुनियां में मौजूद पौराणिक कथाओं के अनुसार महर्षि पराशर प्राचीन काल में भ्रमण के लिए बाहर गए थे | महर्षि को भ्रमण करते हुए उनकी नजर एक सुन्दर स्त्री पर पड़ी , जिसकी नाम था सत्यवती | (इसे भी पढ़िए Indrapuri Dam क्या है? और कहाँ पर स्थित है| फुल जानकारी)

सत्यवती मछुवारे की पुत्री बहुत ही आकर्षक और सुंदर थी  | जिसके वजह से सत्यवती पर उनका मन विचलित हो गया | लेकिन सबसे वजह यह था की सत्यवती के शरीर से मछली जैसी गंध आती थी | यही वजह है की सत्यवती को मतस्यगंधा कहा जाने लगा | इसके बाद ऋषि विचलित होकर बोले की मै आपको संतान प्रदान करने की इच्छा रखता हूँ | इसके बाद सत्यवती ने कई प्रश्न खड़ा कर दिए |

उन्होंने कहा की इस तरह का अनैतिक संबंध किस तरह बनाऊ | मै किसी भी हालात में संतान का जन्म नहीं दे सकती हूँ | इसके बाद  पराशर ऋषि के द्वारा कहा गया की मेरे द्वारा दिए गए संतान दिव्य होगा और यह इस सृष्टि के लिए बहुत ही महानतम कार्य करेगा |

इतना बात सुनते ही सत्यवती नें पराशर ऋषि से तीन शर्त रखी जो इस प्रकार है | सत्यवती द्वारा लगाये गए शर्त को उन्हें मानना पड़ा |

सत्यवती ने पराशर ऋषि से पहली शर्त लगायी की उन्हें संभोग क्रीडा करते समय कोई न देखे |

इसके बाद सत्यवती ने दूसरी शर्त राखी की उनका कौमार्यता भंग न हो |

सत्यवती ने तीसरी शर्त मांगी की उनके शरीर से मछली जैसी गंध निकल जाये और उसी जगह पर फूलों की सुगंध लग जाये |

इसके बाद पराशर ऋषि ने शर्त माने और तथा वस्तु कहते ही मत्स्यगंधा से सुगंधा बन गयी |

कुछ ही समय समाप्त होते ही समय पर सत्यवती ने एक पुत्र को जन्म दिया | इसी बच्चे का नाम कृष्ण द्वैपायन रखा गया | इन्ही को आगे चलकर वेद व्यास (maharshi ved vyas) के नाम से लोग जानने लगे | आप कह सकते है की वेद व्यास जी महाभारत के रचयिता है |

youtube विडियो देखिए |

निष्कर्ष (Conclusion)

Websitehindi.com के पोस्ट में Maharishi Ved Vyas के बारे में पूर्ण जानकारी हिंदी में बताया गया है | वेबसाइटहिंदी के पोस्ट में एक यूटूब विडियो भी पोस्ट किया गया है | जिसको आप देखकर vedvyas जी के बारे में अच्छे से जान सकते है |

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