Saturday, December 27, 2025
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कोर्ट मैरिज क्या होता है? शुल्क, दस्तवेज और कानूनी प्रक्रिया

कोर्ट मैरिज कैसे करें? Court Marriage करने के लिए क्या -क्या करना होता है? कोर्ट मैरिज एक कानूनी प्रक्रिया है जिसके माध्यम से एक लड़का और लड़की शादी के बंधन में बंध जातें है | वेबसाइटहिंदी के इस पोस्ट में कानूनी तौर पर विवाह करने का तरीका और कोर्ट मैरिज क्या है के बारे में बताया गया है |

जैसा की आप जानते है आये दिन लोग कोर्ट मैरिज कैसे करें? के बारे में जानने की कोशिश करते रहते है तो आपको बता दूँ कोर्ट मैरिज में कोई धर्म और धर्म संबंधित प्रक्रिया अपनाया नहीं जाता है | यहाँ पर कोई भी धार्मिक पद्धति काम नहीं करती है |

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Court Marriage

वेबसाइटहिंदी.कॉम के आज के आर्टिकल में इस प्रक्रिया को जानिए की कोर्ट मैरिज क्या होता है? (What Is Court Marriage In Hindi) और Court Marriage की प्रक्रिया पूरी कैसे की जाती है |

कोर्ट मैरिज क्या है? What Is Court Marriage In Hindi

शादी का मतलब दो जोड़ा के बिच का बंधन होता है | यहाँ पर एक लड़का और एक लड़की को कानूनी तौर पर वकील, गवाह और मैरिज ऑफिसर के मौजूदगी में शादी कराया जाता है जिसे कोर्ट मैरिज कहते है | जिसके बाद शादी किये गए जोड़ा पूर्ण रूप से पति-पत्नी बन जातें है | (इसे भी पढ़ें जानिए Airplane की कीमत कितनी होती है ?)

इसके बाद वर अपने वधु को घर लेकर जाता है | शादी करने के बाद वर-वधु को एक मैरिज सर्टिफिकेट भी दिया जाता है | यह सर्टिफिकेट कोट मैरिज शादी का प्रमाण होता है |

कोर्ट मैरिज के लिए जरुरी डॉक्यूमेंट्स

किसी भी लड़का – लड़की को कोट मैरिज करने के लिए अपने उम्र पर ध्यान देना बहुत आवश्यक है | लड़की की उम्र 18 वर्ष तथा लड़के की उम्र 21 वर्ष होना जरुरी है यानि की दोनों को बालिक होना अनिवार्य है | (इसे भी पढ़ें दमबेल क्या है? Dambel के फायदे और नुकसान hindi me)

लड़के व लड़की के पहचान व एड्रेस प्रूफ के लिए आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर कार्ड, पासपोर्ट जैसी पहचान पत्र होना आवश्यक है |

पहचान पत्र के अलावा दशवीं के मार्कशीट है तो और यह काम आसान बन जाता है | क्यूंकि इसमें ओरिजिनल जन्म तिथि अंकित होता है | यहाँ पर आप जन्म प्रमाण पत्र का इस्तेमाल कर सकते है | इसके साथ निवास प्रमाण पत्र संग्लन करना होता है |

माता-पिता द्वारा जारी एक दस्तवेज जिसमें सहमती के साथ हस्ताक्षर होना जरुरी है | यह प्रक्रिया अपनाने से वाद-विवाद जैसी समस्या से बचा जा सकता है |

कोट मैरिज में तीन गवाह की जरुरत होती है | इसके बाद गवाह का हस्ताक्षर भी लिया जाता है |

कोर्ट द्वारा एक घोषणा पत्र तैयार होता है जिसपर लड़का और लड़की हस्ताक्षर करतें है | इसके अलावा पासपोर्ट साइज़ फोटो की आवश्यकता होती है | सभी जरुरी प्रक्रिया करने के बाद लड़के व लड़की की शादी संपन्न हो जाता है |

कोर्ट मैरिज करने के जरुरी नियम – Important Rules For Marriage Of Court

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कोर्ट मैरिज

अगर आप कोर्ट मैरिज करने की सोंच रहे है या किसी को करवाना चाहते है तो कुछ मुख्य नियमों को पालन करना होगा वरना बाद में पता चलने पर जेल भी हो सकती है |

लड़के और लड़की वलिग हो | (इसे भी पढ़ें सस्ते में कैमरा कहां से ख़रीदे?)

लड़की की आयु कम से कम 18 वर्ष और लड़के की आयु 21 वर्ष होना चाहिए |

शादी करने के लिए दोनों पक्ष राजी होना चाहिए | ऐसा नहीं होना चाहिए की लड़की किसी के दबाव में शादी कर रही हो |

किसी भी स्थिति में लड़के या लड़की शरीरिक व मानसिक रूप से स्वास्थ्य होना चाहिए यह स्थिति पर निर्भर करता है |

किसी भी स्थिति में लड़के व लड़की के रिश्ते निषिद्ध अनुसूची में नहीं आना चाहिए | जैसे: भाई-बहन

लड़का लड़की संतान उत्पति के लिए योग्य होना चाहिए |

कोर्ट मैरिज करने के कानूनी प्रक्रिया

 

सबसे पहले कोर्ट मैरिज करने के लिए मैरिज ऑफिसर के पास जाना होता है | लेकिन आप अकेले नहीं जा सकते | कोर्ट मैरिज के लिए लड़का और लड़की को साथ में उपस्थित होना पड़ता है |

बहुत लोग यह सोंचते है की कोर्ट मैरिज में माता-पिता का होना जरुरी है तो यह जरुरी नहीं है | कोर्ट मैरिज के लिए लड़के और लड़की बलिक होना चाहिए | लड़का – लड़की नजदीकी रिश्ते से दूर है तो आगे की प्रक्रिया पूरी कर सकते है | (इसे भी पढ़ें अंकोल क्या होता? Ankol के फायदे और नुकसान)

कोट मैरिज करने के लिए इसकी सुचना मैरिज ऑफिसर को लिखित कागज पर देना होता है की वह शादी करना चाहते है | शादी के प्रोसेस आगे बढ़ाने के लिए दोनों पक्षों से एक लिखित आवेदन देना होता है की उन्हें यह शादी सहमती से हो रही है |

शादी संबंधित एक नोटिस सुचना बोर्ड पर लगा होता है |

अगर किसी पक्ष को इस शादी से आपति होता है तो 30 दिन के अन्दर वह आपति दर्ज कर सकता है | अगर आपति के अनुसार सुचना सही होता है तो यह शादी रोग दिया जाता है |

नोटिश जारी करने के 90 दिन के अन्दर जोड़ा शादी नहीं करता है तो यह प्रक्रिया फिर से दोहराना पड़ सकता है |

इसके बाद गवाहों के उपस्थिति में शादी को पंजीकरण कर प्रक्रिया पूरी की जाती है | इसी बिच रजिस्टर शुल्क भुगतान करना अनिवार्य होता है |

Court Marriage की फीस

कोट मैरिज भारतीय या विदेशी से भी हो सकती है पर यह कानूनी प्रक्रिया के अन्दर ही होता है | शादी रजिस्टर करने में कुल पैसो का भुगतान 500 रुपये तक करना पड़ सकता है | इसके बाद आसानी से शादी हो जाती है | (इसे भी पढ़ें कोकम के 10 फायदे – क्या Kokun स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है |)

Conclusion

इस पोस्ट में कोर्ट मैरिज कैसे करें? Court Marriage करने के लिए क्या -क्या करना होता है? के बारे में बताया गया है | पोस्ट में यह भी बताया गया है की कोर्ट मैरिज क्या है करने की फीस कितनी होती है |

अब आप समझ गए होंगे की Court Marriage करने का कानूनी प्रक्रिया क्या होता है ? अगर आपको यह जानकारी अच्छा लगे तो सोशल Media साईट पर शेयर करें ताकि अन्य लोग भी ऐसी जानकरी प्राप्त कर सकें |


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