Last Updated on 5 years by Abhishek Kumar
Nios Deled Assignment 504 असाइनमेंट 3 का उत्तर हिंदी में : ( गणित सीखने – सिखाने में सतत एवं व्यापक मूल्यांकन की क्या आवश्यकता हैं ? गणित शिक्षक होने के नाते गणित सीखने – सिखाने में सतत एवं व्यापक मूल्यांकन आपकी किस प्रकार सहायता करता हैं ?)
हेल्लो मित्रो नमस्कार , इस पोस्ट में Nios Deled Assignment 504 असाइनमेंट 3 का उत्तर लेकर आये है इसको लिखने के बाद कोर्स 504 का असाइनमेंट कम्प्लीट हो जायेंगे |
पिछले पोस्ट में हम असाइनमेंट 1 और 2 का प्रश्न – उत्तर वेबसाइट हिंदी पर पब्लिश कर दिए हैं | उसी तरह इस लेख में question का उत्तर हम अपने ज्ञान और सोंच के अधार पर दिए है | हो सकता है गणित के प्रति आपका सोंच एवं विचार अलग हो | या आप अधिक जानते हैं उस स्थिति में आप Answer में सुधार या बदलाव कर सकतें है | अगर इसे भी लिख देंगे तो गलत नही होगा |
Deled Course 504 Assignment 2 Question 2 With Answer
♦ Nios Deled Assignment 504 असाइनमेंट 3 का उत्तर हिंदी में
Nios Deled Assignment 504 असाइनमेंट 3 का उत्तर हिंदी में जानिए |
Q. 1) गणित सीखने – सिखाने में सतत एवं व्यापक मूल्यांकन की क्या आवश्यकता हैं ? गणित शिक्षक होने के नाते गणित सीखने – सिखाने में सतत एवं व्यापक मूल्यांकन आपकी किस प्रकार सहायता करता हैं ?
उत्तर :- जैसा की हम जानते है गणित हमारे विद्यालय का भाग होता हैं और जब हम गणित सीखते – सिखाते हैं तो मूल रूप से सतत एवं व्यापक मूल्यांकन की आवश्यकता होती हैं | सबसे पहले सतत एवं व्यापक के बारे में जान लेते है जिससे समझने में असानी हो जाये | सबसे पहले यह जान लेते हैं की गणित क्या है और इसे हम किस तरह से सीखते हैं | हम यह जानते है की जिसकी सहायता से परिणाम दिशा , और स्थान आदि का बोध होता है और अक्षर तथा गणित अंक , चिन्ह आदि संक्षिप्त संकेतो का वह विज्ञानं है |
सतत और व्यापक का उदेश्य दो भागो पर बाल देतें हैं |
ये भाग है आकलन में सततता और अधिगम के सभी पहलुओ का आकलन |
इस प्रकार सतत शब्द का अर्थ एक बार घटित होने के बजाय नियमित अन्तराल पर होने वाले आकलन हैं |
जब आकलन अभ्यास छोटे – छोटे अन्तराल में नियमित रूप से किये जाते हैं | तो वह आकलन सतत बन जाता हैं | दुसरे शब्दों में यह भी कहा जा सकता हैं की यदि दो आकलनो के बिच समय अन्तराल कम या निम्नतम कर दिया जाये तो आकलन सतत बन जाता हैं | इस तरह से हम कह सकते है की किसी भी समय गणित को सीखने – सिखाने के लिए सतत एवं व्यापक मूल्यांकन की आवश्यकता होती हैं | दुसरे शब्द व्यापक का अर्थ है विधार्थी के शैक्षणिक और पाठ्य सहभागी पक्षों के विकाश का आकलन | क्यूंकि विधार्थी के सभी योग्यताओ के विकाश का लिखित और मौखिक क्रियायो का आकलन नही किया जा सकता | इसीलिए विधार्थी के विकाश के सभी पहलुओ का आकलन करने के लिए विभिन्न उपकरण एवं विधियाँ अपनाने की आवश्यकता हैं |
विद्यालय में हमने कई बार देखा है किसी भी बच्चे को गणित सीखने में परेशानी का सामना करना पड़ता है |
वे अभ्यास के दौरान नियमित रूप से हतास हो जातें हैं |
उस समय बिच – बिच में सतत और व्यापक मूल्यांकन को समझना आवश्यक होता हैं |
गणित अधिगम का आकलन बिस्तृत है जिसमे सभी क्रियाकलापों का समावेश है ,
जिसमे अध्यापक और विधार्थी सूचनाओ को प्राप्त करने का अभ्यास करतें हैं |
जिसका उपयोग शिक्षण और अधिगम में सुधार के निदान के लिए किया जा सकता हैं |
आकलन , अध्यापक के अवलोकन , कक्षा कक्ष की परिचर्चा कक्षा कक्ष में होनेवाली क्रियाकलाप में
सहभागिता विधार्थियों के कार्य का विश्लेषण गृहकार्य और परीक्षा आदि पर आधारित हैं |
बच्चे जबतक प्राथमिक स्तर का गणित नही समझते है तबतक पूरा गणितीय आकलन को समझना मुस्किल है |
इसीलिए गणित के निम्न स्तरों को सिखाना आवश्यक होता है |
गणित में आकलन गणित के शिक्षण के उदेश्य से जुड़ा हैं |
हम जानते है की बच्चे को सिखाने और सिखंने की प्रक्रिया में भिन्नता होती हैं |
हम यह भी जानते है की विद्यालय में परम्परिक मूल्यांकन की प्रणाली लागु है |
विद्यालय के आरम्भिक वर्षो में विद्यालयी गणित का उदेश्य उपयोगी क्षमताओं में अव्धार्नात्मक
और समय्स्थानिक समझ समस्या समाधान और गणितीय प्रतिरूप समाहित हैं |
बच्चे के गणितीय अधिगम के विभिन्न आयामों के आकलन की व्यापक विधिंया या उपकरण एवं तकनीक उपलब्ध हैं |
परम्परागत कागज – कलम प्रशिक्षण एवं मौखिक प्रशिक्षणों के अतिरिक्त एवं
अध्यापक दुसरे माध्यमो जैसे प्रेक्षण दत कार्य परियोजना कार्य पोर्त्फोलोयो सुचनावाली कार्य रेटिंग स्केल तथा अनुभव आदि का उपयोग कर सकता हैं |
विभिन्न प्रकार के उपकरणों का प्रयोग विधार्थियों के मूल्यांकन के
व्यापक एवं उदेश्यात्मक तरीके से समझने में शिक्षक को समर्थ बनाते हैं |
गणित कक्षा में विधार्थी विशेष द्वारा पूछे गए प्रश्नों का प्रतिदिन रिकॉर्ड होना चाहिए |
अधिक प्रश्न अधिक अधिगम क्षमता को प्रदर्शित करता हैं |
शिक्षक को गणित अधिगम में विधार्थी की प्रगति का आकलन करना और आकलन परिणाम के अधार पर आगे के अधिगम में विधार्थियों की सहायता करना आवश्यक हैं |
इस उदेश्य के लिए शिक्षक द्वारा ही कक्षा में प्रयोग किया जाता हैं |
इस्नामे वह प्रशिक्षण प्रश्न तैयार कर कक्षा में प्रयोग करता हैं |
इस उदेश्य में यह बहुत उपयोगी हैं | शिक्षक द्वारा बनाए गए प्रशिक्षणों के संरचना सिधांत और विभिन्न प्रकार के बारे में सिखतें हैं |
कक्षा में अरुचिपूर्ण व्यवहार के साथ – साथ तनावपूर्ण आकलन प्रक्रिया गणितीय अधिगम में डर उत्पन्न करता हैं | गणित में विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण विन्दुओ का प्रयोग , बच्चे का विभिन्न जैसे ज्ञान समझ , अनुप्रयोग आदि में अधिगम क्षमता मापने में बहुत महत्वपूर्ण हैं | आगे गणित में खुले प्रश्नों का समावेश करने से विधार्थी को किसी समस्या को विभिन्न आयामों से सुलझाने से योग्य बनता हैं | इसके साथ – साथ आकलन की विभिन्न तकनीकियो का प्रयोग आकलन प्रक्रिया को बच्चो की सुबिधानुरूप एवं अधिक उपयोगी बनाने में मदद करता हैं | इन सभी कथन को समझते हुए हम कह सकते हैं की सतत और व्यापक मूल्यांकन हमारे बच्चे और हमे सीखने सिखाने में आवश्यक है या हम यह भी कह सकते है की हमारे जीवन में सतत एवं व्यापक मूल्यांकन के बिना गणित में सहायता नही मिल सकता हैं |
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Karan says
505 ke bhe daal do bhai
Arti Singh says
Nice
Sir assignment 1 ke sare answer b btao plz
Subhadra raj says
750 word me bola he pr yha word utna n he thoda jyada word btaye or sath me ek do example v de
Evangeline says
Thank you so much sir. You’ll be blessed abundantly. Much love
Rakesh kumar says
Sir assigement 3 que ka answers kam hai
sarita says
lesson plan kaise banaye
SBA kis type k page pe bana hai.
Swati joshi says
Sir SBA kese bnana h aap thoda example dekr suggest kr dijiye.
Amit says
Thanks
Aruna devi says
Sir 504 mein assignment 3 Ka ye question nhi h mere paas dusra h