Nios D.el.ed Assignment 503 असाइनमेंट 1 question 2 with answer

Last updated on April 29th, 2019 at 12:29 pm

Nios D.el.ed Assignment 503 solved question 2 with answer :
बच्चो में पढना कौशल विकसित करने हेतु किन्ही दो विधियों का उनके गुण
एवं कमियो के आधार पर आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिए ?
Nios D.el.ed Assignment 503 का उत्तर जानने के  लिए पूरी पोस्ट पढ़िए ||

जैसा की हमने पिछले पोस्ट में 501 और 502 कोर्स के प्रश्न को हल कर दिया है |
इन सभी का उत्तर वेबसाइट हिंदी पर मिल जायेगा |
इसके लिए search बॉक्स में assignment लिखकर search कीजिये |
सभी उत्तर सामने होगा |

Nios D.el.ed Assignment 503

इस पोस्ट में Nios D.el.ed Assignment 503 कोर्स के असाइनमेंट 1 का दूसरा प्रश्न का उत्तर लेकर आया     हूँ |
इस उत्तर को  हमने अपने सोंच और ज्ञान   के   अनुसार लिखा है |
लेकिन आप इस प्रश्न के उत्तर के प्रति क्या  सोचते है | मुझे नही पता है |
फिर भी आप अपने अनुसार उत्तर में बदलाव कर सकते है | या खुद लिख सकते है |

⇒ Nios D.el.ed Assignment 503 solved question 2 with answer

असाइनमेंट 1

Q. 2 ) बच्चो में पढना कौशल विकसित करने हेतु किन्ही दो विधियों का उनके
गुण एवं कमियो के आधार पर आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिए ?
उत्तर → जैसा की हम जानते है | प्राथमिक बच्चे को जितना पढाना मुस्किल होता है | उतना ही पढ़ाने का अनेक विधियाँ अपनाना पड़ता है | सबसे पहले हम सोचते है | सभी बच्चा अपने किताबो को पूरी तरीका से पढने को सीखें | चाहे लिखी बातो के अर्थ समझ में आये या नही | हम जानते है पढना एक सृजनात्मक कार्य है | क्युंकी पढने वाला सामने लिखी बातो का हु – ब – हु  उच्चारण नही करता है | बल्कि अपने अनुभवों से उनका अर्थ भी गढ़ता जाता है | जब हम पढ़ते हगे तो हमारी आँखे और दिमाग सारे अक्षरों विराम चिन्हों , सारे शब्दों पर ध्यान नही देते | आमतौर पर विद्यालय में बच्चो को पढना सिखाना बहुत मुस्किल काम होता है | क्युंकी पढना सिखाना एक अचूक विधि नही है | बच्चे को अपने ज्ञान और सोंच के आधार पर अनेक विधि का उपयोग कर सकते है | बच्चो में पढना विकसित करने के लिए अनेक विधियां का इस्तिमाल किया जा सकता है | जिनमे से 2 विधि इस प्रकार है |
1.  किताब पढ़कर सुनाना :- किताब पढ़कर सुनाते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए | की बच्चे ज्यादा न हो | और आपके आस पास गोल में बैठे हो | इस समय अन्य बच्चो को कोई और काम दे सकते है | आपके आस – पास बच्चे इस प्रकार बैठे हो की उनमे से प्रत्येक को किताब के पने असानी से नजर आने चाहिए | किताब को पढने के साथ उसमे अपना कुछ जोड़ते जाना चाहिए | कुछ किताबो में कहानी या सामग्री बिस्तर से दी गयी होती है | उसे वैसा के वैसा पढने के  बजाय छोटा करके अपने शब्दों में सुनाना चाहिए | इसके विपरीत यदि प्रत्येक पेज पर एक या दो पन्तियाँ लिखी गयी हो तो उसमे कुछ जोड़ा भी जा सकता है | किताबो के साथ काम करते समय यह भी जरुरी है की दिए गए चित्रों को बच्चो को दिखाया जाये | और उन पर विस्तार से बात की जाये |
2.  कविता सुनाना एवं गाना :- कौशल में पढना एक महत्वपूर्ण साधन है | इस कौशल के विकाश में कविता एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है | यदि बच्चो को नियमित रूप से कविता सुनाई जाये तो वह भाषा के बुनियादी संरचना को समझने में मदद कर सकती है | कविता को याद करना जयादा आसान होता है | उन्हें याद करने में बच्चो को अधिक कोशिश नही करनी पड़ती | बार – बार सुनाने , मज़ा लेने , दोहराने से कविताये अपने आप याद हो जाती है | बच्चो को पढने के लिए अलग तरह की कविताए चाहिए | इस तरह की कविताए अध्यापक स्वयं छांट सकते है | जिनमे भाषा का स्वाभिमान प्रयोग हो | ऐसी कविताए जो नैतिक सिख देती हो | उनसे दूर रहना चाहिए |

पढना सिखाने के  प्रचलित तरीके व उनमे खामियां 

1.  पढने के नियमो पर शीघ्र अधिकार का लक्ष रखा जाता है | :- हम जानते है की पढने के कोई नियम नही होते है | जिससे किसी भी बच्चा को परिभाषित करके बताया जा सके | सभी पढ़ते – पढ़ते पढना सिख जाते है | ज्ञान स्कूल में शिक्षा से विकसित नही होता है | इसके लिए पढने का अभ्यास जरुरी है | ऐसा कोई परिमाण नही है की बच्चा को व्याकरण सिखाने से वह बोलना सिख जाता है | और न ही कोई साबुत है की उच्चारण या अन्य गैर – पठन गतिविधियों के पढने के विकाश में कोई मदद मिलती है | आमतौर पर जिन्हें पढने के नियम कहा जाता है | वे मात्र पढने के निर्देश देने का संकेत है | पढना सीखना नियम रटने का मामला नही है | बच्चे पढना पढ़कर ही सीखते है |
2.  पढने में यह सुनिश्चित किया जाता है | की बच्चे धवनी के नियम सीखकर उन पर अमल करे | :- पढने की क्षमता और हिज्जो का सम्बन्ध जानने से आती है | यह माना जाता है की नियमा नुसार पढने का यह गड़बड़ पहलु है | वास्तव में पढना मात्र लिखे हुए से उच्चारण कर लेने से पूरा नही होता है | उच्चारण कर लेने से पहले ही अर्थ पकड़ लेना होता है | और मात्र धवनी पैदा कर लेने से अर्थ नही बनता | अक्षरों को आवाज में न बदलना आवश्यक है बल्कि फालतू मेहनत  वाला भी है | थोडा ध्यान देने पर सपष्ट हो जाता है की धारा प्रवाह पढने वाला पाठक अर्थ समझाने के लिए , अक्षरों को धवानियो में बदलने के लिए , चक्कर में नही पड़ते |
3.  शब्द दर शब्द पढने पर जोर दिया जाता है | :- अलग – अलग शब्दों को पहचानने या सिखने पर जोर नही डालने का एक और कारन यह भी है की यह सबसे कठिन तरीका है | धाराप्रवाह पढने वाला पाठक दुसरे संकेतो का उपयोग करते है | कोई अक्षर जब किसी शब्द में आता है | या जब कोई शब्द किसी सार्थक वाक्य में आता है तो उसे पहचानना असान हो जाता है | धाराप्रवाह पढने वाले पाठक शब्फ्द नही पढ़ते , वे अर्थ पढ़ते है | अर्थ हेतु पढना शब्द पढने से कहीं जयादा असान है | बच्चे नि : संदेह इस बात को जानते है | क्युंकी हर शब्द को पढना उनकी जानकारी जानकारी पचाने की क्षमता पर बहुत दबाव डालता है |

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Nios D.el.ed Assignment 503 solved question 2 with answer

24 thoughts on “Nios D.el.ed Assignment 503 असाइनमेंट 1 question 2 with answer”

  1. Sir.mujhe ye batayaiye ki swayam portal me registration karna jaruri hai kya.Maine mobile se registered katne ki kosis ki lekin nahi ho raha hai.koi solution batayaiye.

  2. Sir mjhe btaiye swayam pr register krne ke bad kaise conform hoga ki mai real me registered hu khi koi prblm to ni hui h usme

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