बहुत सारे महिलाये अपने आप को कमजोर समझने लगती है | शारीरिक रूप से वह मजबूत तो होती है लेकिन मानसिक रूप से कमजोर महसूस करती है | इसका अनेको वजह होती है या कुछ महिला वाकई मानसिक रूप और शरीरिक रूप से भी कमजोर होती है |
इस लेख में दुनियां में होरही घटनाये और नए – नए पहलुओं पर चर्चा करेंगे ताकि समाज में एक अच्छा सन्देश जाये | इस लेख में, हम जानेंगे कि महिलाओं को कमजोरी होने के पीछे के कारण क्या हो सकते हैं और इससे निजात पाने के लिए क्या किया जा सकता है।

महिलाओं के दबे हुए भावनात्मक प्रभाव होना
आज के समय में घर, ऑफिस या समाज में महिलाओं से अपेक्षाएं पूरी करने के लिए दबाव दिया जाता है | इस तरह से किसी महिलाओं पर दबाव दिया जाये तो वह भावनात्मक छलनिति (Emotional Manipulation) का शिकार बन सकती है |
इस वजह से महिलाओं में मानसिक भावनात्मक तरीके से शिकार बना दिया जाता है | इसके बाद हर औरते अपने भावों को दबाने की कोशिश करने लगती है | उन्हें यह लगने लगता है की वह इस दुनियां में औरो से कमजोर है और वह अपने आप को कमजोर महसूस करती है |
आधुनिक जीवनशैली और बढ़ती हुई परेशानी की वजह से , महिलाओं को अक्सर शारीरिक और भावनात्मक तनाव का सामना करना पड़ता है। दुनियां में बढ़ते हुए काम की भागदौड़ और समय की कमी के कारण वे खुद को नेगलेक्ट कर देती हैं जो उन्हें अनेक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करने के लिए मजबूर करता है। इससे उनकी शारीरिक और मानसिक क्षमता कमजोर हो सकती है।
दुनियां में अनेको महिलाएं ऐसी होती है जो अपने बच्चे और घर को चलाने के लिए क्या – क्या नहीं करती है | वह एक माँ होती है जो अपने परेशानी को न बताकर जरुरत को पूरा करने के लिए खुद पर ध्यान नहीं देती है |
सोशल मीडिया का दबाव
आजकल सोशल मीडिया (फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर, इन्स्टाग्राम इत्यादि) दुनिया के हर कोने तक पहुंच गया है और इसका असर महिलाओं पर भी नजर आया है। वे अक्सर सोशल मीडिया पर अपने असली जीवन से दूर रहने का प्रयास करती हैं और दूसरों के साथ तुलना में खुद को कम महसूस कर सकती हैं।
ऐसी अनेको महिलाएं है जो सोशल मीडिया पर तहलका मचाकर रखी हुई है | यदि महिलाये अपने आप को संभाल कर नही रखती है तो वह असली जीवन से दूर हो सकती है, इससे महिलाओं में उन्हें आत्मविश्वास की कमी हो सकती है।
समाज में जेंडर भेदभाव करना
समाज में जेंडर के साथ अनेको तरह के भेदभाव है | बहुत सारे ऐसी महिलाएं है जो अपने आप को जेंडर समझती है | ऐसी महिलाओं को समाज में मान – सम्मान नही मिलता है और वह अपने आप को कमजोर समझने लगी है |
परिवार और समाज में सम्मान नहीं मिलने पर उनके दिमाग में गलत मानसिकता पैदा होती है | उन्हें घर और समाज से बहार निकाल दिया जाता है | आज के समय में हर टाइप के औरत को सकारात्मक मानसिकता की आवश्यकता है |
परिवार के दबाव होना
महिलाओं को अपने घर, परिवार के दबाव का सामना करना पड़ता है। वे पारिवारिक ज़िम्मेदारियों, सभी कार्यों को, बच्चों, और पति की उम्मीदों को पूरा करने के लिए समय और ऊर्जा निकालती हैं, जिससे उन्हें अनियमित खाने-पीने, नींद की कमी और तनाव का सामना करना पड़ सकता है।
इससे उनकी सेहत और भी कमजोर हो सकती है। यदि उन्हें कमजोर होने से बचाना है तो उन्हें आजादी देना ही होगा | अगर ऐया नही करते है तो महिला अपने आप को कमजोर समझ सकती है |
समाधान क्या है: सकारात्मक मानसिकता और स्वास्थ्यपूर्ण जीवनशैली होना
महिलाओं को कमजोरी से निकलने के लिए सकारात्मक मानसिकता और स्वास्थ्यपूर्ण जीवनशैली अपनाने की आवश्यकता होती है। सभी महिलाओं को अपने भावों को स्वीकार करना और खुलकर व्यक्त करने के बारे मने सिखाना चाहिए |
व्यायाम, योग, और ध्यान को अपनी दिनचर्या में शामिल करके वे अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रख सकती हैं। आज के समय में रामदेव बाबा अनेको प्रकार के योग सिखा रहें है | ऐसे में महिलाओं को मैडिटेशन करने के साथ योग को अपनाना चाहिए |
निष्कर्ष
अगर महिला खुद को कमजोर महसूस कर रही है, तो उसे अपने भावों को समझने और सकारात्मक मानसिकता का सामना करने के लिए सामाजिक समर्थन लेना चाहिए। आपके जीवन में व्यायाम, योग, ध्यान, और स्वस्थ खाने की आदतें उसके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकती हैं।
अगर आप भी महिला कमजोरी से पीड़ित हैं, तो अपने समस्या का समाधान ढूंढने के लिए एक विशेषज्ञ से मिलने से नहीं हिचकिचाएं। आप अपने आप को कमजोर न समझे और भारतीय संस्कृति को पालन जरुर करें |
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