Last Updated on 4 वर्ष by Abhishek Kumar
Deled course 509 Assignment 1 Question 2 With Answer – उच्च प्राथमिक स्तर पर सामाजिक – विज्ञान पाठ्यक्रम में इतिहास की महत्व की व्याख्या कीजिए | अपने विद्यार्थियों के सार्थक अधिगम हेतु आप इतिहास पढ़ाने के लिए किस विधि का उपयोग करते हैं ? चर्चा कीजिए |
इस लेख में Deled course 509 Assignment 1 के दुसरे प्रश्न का उत्तर लाया हूँ इसे आप असाइनमेंट कॉपी में लिख सकते हैं |
Deled course 509 Assignment 1 Question 2 With Answer
Deled course 509 Assignment 1 के दुसरे प्रश्न का उत्तर |
Q. 2) उच्च प्राथमिक स्तर पर सामाजिक – विज्ञान पाठ्यक्रम में इतिहास की महत्व की व्याख्या कीजिए | अपने विद्यार्थियों के सार्थक अधिगम हेतु आप इतिहास पढ़ाने के लिए किस विधि का उपयोग करते हैं ? चर्चा कीजिए |
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उत्तर :- प्राथमिक स्तर पर हमे इतिहास का अध्ययन सामाजिक विज्ञान पठ्चार्या में क्या करते हैं ? इस प्रश्न के कई उत्तर हो सकते हैं | इस प्रश्न पर विस्तृत चर्चा करने से पहले हमे सामाजिक विज्ञान के सरोकारों के वृहत स्तर सूक्ष्म दृष्टिपात करना चाहिए | जैसा की आप जानते हैं की सामाजिक विज्ञान मनुष्य और समाज के संबंधो को अध्ययन से संबंध रखता हैं | समाज विज्ञान शिक्षक के रूप में हम चाहते है की हमारे विद्यार्थी सामाजिक , आर्थिक और राजनितिक समस्याओं की जटिलताओं को समझें | हम चाहते है की वह महत्वपूर्ण और महत्वहीन के बिच विभेद करने योग्य बन सके | सामाजिक विज्ञान अनुशासन के द्वारा प्रदात ज्ञान विद्यार्थियों को कालांतर में विचारों , घटनाओं और व्यक्तियों द्वारा परिवर्तन लाने केलिए किए गए अंत भेदों की सराहना करने योग्य बनता हैं | साथ में मानव समाज में सतता बनाए रखने वाली परिस्थितियों और शक्तियों को पहचानने की योग्यता प्रदान करता हैं |
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प्रथम इक्कीसवीं सदी में वैज्ञानिक और तकनिकी क्रांतियों ने विश्व को समेत कर बहुत छोटा कर दिया हैं | पृथ्वी पर मान्यता के पोषण और शांतिपूर्ण जीवन के लिए , विश्व के छोटे – बड़े देशो के बिच परस्पर सद्भावना और सहमती होना आवश्यक हैं | इसीलिए लोगो में एक दुसरे को और अच्छी तरह जानने की सामान्य इक्च्छा हैं | इस धरना से इतिहास अध्ययन उनकी आवश्यकता पूर्ण करता हैं |
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द्वितीय इतिहास को एक लौकिक चित्र पटल की तरह अन्य विषयो में सीखें गए तथ्यों की व्यवस्था करने केलिए प्रयोग करना तार्किक हैं | बालक के मस्तिक में विज्ञान और गणित इतिहास से पृथक सीखे जाने वाले विषय हैं , तब भी इतिहास का सुनियोजित पाठ्यक्रम इतिहासिक प्रिक्षेप्य में व्यज्ञानिक खोजो और गणितीय तकनीको के अविष्कार में मदद करता हैं |
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तृतीय , इतिहास शिक्षण से छात्रो में नैतिक मूल्यों का विकास होता हैं | यह बल मस्तिक में सही और गलत के नैतिक मूल्यों का विजरोपन करता हैं | यह हमारे बालको में देशभक्ति का बढ़ावा देता हैं | तेजोमयी अतीत और सांस्कृतिक संपदा की विरासत के ज्ञान से उन्हें गर्व का अनुभव होगा |
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चतुर्थ इतिहास शिक्षण महापुरुषों के कार्यो के अध्ययन में बालको की रूचि उत्पन्न करता हैं | यह रूचि उन्हें महँ पुरुषो और नारियो की जीवन का अध्ययन करने में सहायता देती हैं | इस अध्ययन से , उन की भावनाए उच्च आदर्शो और मूल्यों की ओर निर्देशित हो जाती है |
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पंचम , इतिहास शिक्षण , अन्य देश काल में लोगो ने सत्य , न्याय और व्यक्तिगत उत्तरदयितओ का निर्वाह करने संबंधी मुलभुत प्रश्नों का सामना कैसे किया को समझने में मदद करता हैं और वर्तमान में उपस्थिति इन्ही मुद्दों पर चिंतन करने में मदद करता हैं | मानवता के अध्ययन से और महँ विचारको के विचारो , प्रमुख धर्मो और सिधान्तो , दार्शनिक परम्पराओं को परीक्षण कर , हमारे विद्यार्थी कालांतर में लोगो द्वारा किए गए संघर्षो , नैतिक मुद्दों पर चिंतन कर विभिन्न मार्ग प्रकाशित करेंगे , वे वर्तमान की चुनौतियों पर विचार करेंगे |
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अंतिम यह हमारे बालको की स्मृति , कलाप्नाशिलता और तर्क शक्ति प्राप्त करने में सहायता करता हैं |