Last Updated on 4 वर्ष by Abhishek Kumar
Deled course 508 Assignment 1 Question 2 Answer – कला शिक्षण में मूल्यांकन के सूचक की भूमिका पर प्रकश डालिए |
इस पोस्ट में Deled course 508 के असाइनमेंट 1 के दुसरे प्रश् का उत्तर लेकर आया हूँ जिसे आप assignment कॉपी में लिख सकतें हैं |
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Deled course 508 Assignment 1 Question 2 Answer
Q. 2) कला शिक्षण में मूल्यांकन के सूचक की भूमिका पर प्रकश डालिए |
उत्तर :- मूल्यांकन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा यह ज्ञात किया जा सकता है की पूरी शिक्षण प्रक्रिया की उद्देश्यों की प्राप्ति की जा सकती हैं | मूल्यांकन को करने के लिए विभिन्न सूचकों का निर्माण या विकसित किया जाता हैं | सृजनात्मक कला और पेशा का क्षेत्र नवीन संसार में बल पकड़ता जा रहा हैं | भूमंडल कलाओं के आर्थिक , सामाजिक , शैक्षिक , और सांस्कृतिक पक्षों के महत्व और संभावना के प्रति जागृत हो चूका हैं |
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वयक्तिक विकास :- विद्यार्थी अपनी कला शिक्षा से महत्वपूर्ण जीवन कौशलो को चुनते है जैसे – अच्छी स्मृति , समझ बढ़ाना और प्रिकात्मक संचार की योग्यता | यह विद्यार्थियों की सफलता की चाहत और नयी चुनौतियों को ग्रहण करने की योग्यता को बढ़ता हैं |
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जीवन को सौन्दर्यात्मक बनाना :- हमारे प्रतिदिन के जीवन में इसका एक महत्व है जो अमापनीय हैं | भोजन से लेकर पहनावे , घरो से लेकर उत्सओं तक इसका विविध सौन्द्रत्मक अनुभूति और प्रभाव हैं |
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साकल्यवादी ज्ञान प्राप्त करना :- इन विशिष्ट रूपों का अधिगम , उनका इतिहास , उनकी रचना , निष्पादन विश्लेसन , समीक्षा और मूल्यांकन अपने आप में अधिगम की प्रगति हैं |
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संज्ञानात्मक प्रेरणा :- कला शिक्षा बच्चो में उन्नत संज्ञानात्मक विकास से जुड़ चूका हैं | १९९८ की एक रिपोर्ट तरुण बच्चे और कला – सृजनात्मक योजना बनाना | अनुसंधानकर्ताओ ने पाया की कला शिक्षा बच्चा के संज्ञानात्मक भाषा और बच्चा के संज्ञानात्मक , भाषा और गति कौशलो को सार्थक योगदान प्राप्त करता हैं |
एक एकल सूचक अधिगम के रूप में एक ऐसे जटिल तथ्य के बारे में लाभप्रद सुचना प्राप्त कर सकता हैं | सूचक प्राय स्थितियों के बारे में अधिक से अधिक सटीक सुचना उत्पन्न करने के लिए प्रारूपित किए गए हैं | सुचना का उद्देश्य प्रणाली के प्रगति का चरित्र चित्रण के घटकों के माध्यम से करना हैं | कला में सांकेतिक आधारित मूल्यांकन से हमारा तात्पर्य बच्चो के सभी क्षेत्रो जैसे – अवलोकन क्षमता , अन्वेषण शक्ति , सहभागिता जिससे हम बच्चो के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त होती हैं | इन संकेतको के स्तरों के लिए यह आवश्यक नही है की कोई बच्चा सभी स्तरों में हो | इन संकेतको के माध्यम से हम बच्चे के सिखने की निरंतरता का आकलन कर सकते हैं |
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कला कक्षों में लिप्त विद्यार्थी विद्यालय में बेहतर निष्पादन करते हैं | हवाड़े गार्डन्स की बहु- बुद्धि सिधांत के अनुसार जो बच्चे कला कक्षों में भाग लेते है वे अधिगम के एक वृहद् क्षमता विकसित कर लेते हैं | क्यूंकि वे अपनी परम्परागत कक्षों में भाषाई एवं गणितीय तर्क के अलावा अपनी अधिगम विधि का विस्तार कर लेते हैं |
यह पाया गया है की जो विद्यार्थी कला कक्षों में भाग लेते हैं वे शैक्षिक क्षेत्र में बेहतर निष्पादन करते हैं और उनके पास एक उच्च चिंतन समर्थ होई हैं | यह एक कलात्मक विज्ञान अनुभूति का उदाहरण हैं | एक पौधे में नई अंकुर और नई जड़ का विस्तार ऐसे हैं बढे बाल मि . स्मार्ट को और जड़ बी वृद्धि मि . भयानक की सदा बढ़ी हुई दाढ़ी को |
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व्यक्तिगत प्रोफाइल और वृद्धि :-