Bridge course 521 Assignment 1 Question 2 with Answer

Bridge course 521 Assignment 1 Question 2 with Answer आई.टी.इ एक्ट २००९ , की प्रमुख अपेक्षाएँ क्या है ? क्या आप अनुभव कर सकते है की इनकी पूर्ति हो रही है ? कारणों सहित चर्चा कीजिये

इस पोस्ट में pdpet bridge course 521 assignment 1 के दुसरे प्रश्न का उत्तर लाया हूँ जिसे आप असाइनमेंट कॉपी में लिख सकते है |

Bridge course 521 Assignment 1 Question 2 with Answer

Q.) आई.टी.इ एक्ट २००९ , की प्रमुख अपेक्षाएँ क्या है ? क्या आप अनुभव कर सकते है की इनकी पूर्ति हो रही है ? कारणों सहित चर्चा कीजिये

उत्तर :- शिक्षा के अधिकार अधिनियम २००९ से सैकड़ो वर्ष से अपेक्षाएँ जुडी हुई है | आज जब शिक्षा का अधिकार अधिनियम पारित होकर सम्पूर्ण देश में लागु हो चूका है तब भी शिक्षा के सार्वभौमिकरण के लिए सम्लित और सामंजस्य पूर्ण प्रयासों के अभाव के कारण हमे वह परिणाम प्राप्त नही हो सके जो हमने अपेक्षा रखी थी | शिक्षा के अधिकार अधिनियम पारित करनेवाले शिक्षा चिंतको और मानव – प्रेमियों ने निम्नलिखित अपेक्षाएँ रखी है |

course 521 Assignment ( Bridge ) 1 Question 1 with Answer
  1. प्रारंभिक स्तर तक की शिक्षा प्रत्येक बच्चे के लिए नि : शुल्क रूप से उपलबद्ध हो |
  2. शिक्षा के सार्वभौमिकरण को सुनिश्चित करना , जिस लक्ष को हम आज तक शुद्ध रूप से प्राप्त नही कर सके है |
  3. विद्यालय जाने वाली उम्र तक के बच्चो का नामांकन शत प्रतिशत सुनिश्चित हो
  4. 6 से 14 वर्ष के सभी बच्चो की शिक्षा के लिए विभिन्न स्थानीय संस्थाओं को जिम्मेदार बनाना |
  5. गैर सरकारी शैक्षिक संस्थानों को कमजोर वर्ग के बच्चो की शिक्षा के लिए जिम्मेदारी सौपकर बच्चो के शिक्षा के स्तर को समता लाना |
  6. शिक्षा के अवसरों में समता लाकर एक शिक्षित और क्षमता मूलक समाज के विकास को गति प्रदान करना |
  7. समुचित भौतिक तथा मानवीय संसाधनों की उपलाब्द्धता को सुनिश्चित करते हुए शिक्षा की गुणवता में सुधार लाना |
  8. शिक्षा को प्रत्येक व्यक्ति का अधिकार बनाते हुए , उसके विकास को सुनिश्चित करना |
  9. भविष्य के नागरिको को शिक्षा द्वारा विवेक का संचार करते हुए प्रजातंत्र के जड़ो को मजबूत करना |
  10. शिक्षा के माध्यम से सामाजिक आर्थिक असमानताओं को दूर कर देश के विकास को गति प्रदान करना |

उपयुक्त हमारी अपेक्षाए कब तक शुद्ध रूप से पूर्ण होगी यह तो भविष्य के गति में ही छिपा है | क्यूंकि गुन्व्तापूर्ण शिक्षा में अभी भी चुनौतियाँ है |

  • कई ऐसी वस्तिय है जहाँ आज भी विद्यालय की स्थापना नही हो सकी है | क्यूंकि वे वस्तियाँ सर्व शिक्षा अभियान के तकनिकी शब्दवाली में एक किलोमीटर या तिन किलोमीटर के दायरे के अन्दर है | इससे उन वस्तियो के विद्यालय में बच्चे बहुंच नही पा  रहे है |
  • शिक्षा के अधिकार अधिनियम में स्पस्ट किया गया है की शिक्षा का माध्यम बच्चे के मातृ भाषा होगी | जबकि हमारे अधिकतर राज्यों की प्रशासनिक भाषा ही अनुदेशन का माध्यम बनी हुई है |
  • भारत एक विभिनता सम्पूर्ण संस्कृति वाला देश है | उसपर भी विभेदों के कई सामाजिक आर्थिक स्तर है | शिक्षा में समता लाना एक बहुत बड़ी चुनौती है | शिक्षा का अधिकार अधिनियम सामान शैक्षिक अवसर प्रदान करता है | परन्तु यह जिम्मेदारी हमारी होगी की हम इअसी प्रस्थिया उत्पन्न करे जिससे की वंचित वर्ग    के बच्चे अवसर का लाभ प्राप्त कर सके | जैसे की अनुसूचित जाति और जनजाति के बच्चे , अल्पसंख्यक बच्चे भुम्हीं कृषि मजदूरो के बच्चे , असंघटित क्षेत्र के मजदूरो के बच्चे , शहरी क्षेत्र में झोपड़पट्टी के बच्चे , कोयला खनन के क्षेत्र में रहने वाले बच्चे , विशेष आवश्यकता वाले बच्चे आदि वर्ग के लिए शिक्षा के अवसरों में समानता लाना एक कठिन कार्य है |
  • शिक्षा का अधिकार अधिनियम प्रबंध समिति के गठन को सुनिश्चित करते हुए कुछ जिमेदारियां सौपता  है |

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